June 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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स्वर्गीय राज नारायण पाठक की मनाई गई छठवीं पुण्यतिथि

शिक्षा जब बाजार में खडी हो जायेगी तो भारी क्षति हो जायेगी – प्रो. चितरंजनं मिश्र

बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
शिक्षा संस्थान विकास के केन्द्र है, शिक्षा के साथ खिलवाड़ नही करना चाहिये, संस्कार से देश बनता है ।
शिक्षा केन्द्र से प्रयोगशाला समाप्त ह़ो रहे है।
शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने का कार्य स्व राजनारायण पाठक ने किया। उन्हें समाज में निस्वार्थ भाव से याद किया जाएगा और पाठक की प्रतिष्ठा बढ़ाने में प्रतिरोध परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। चुनौती की परम्परा लोकतंत्र के व्यक्तित्व को मजबूत करने की दिशा में किया गया प्रयास होता है।
जो इस भूमि को सुंदर बनाती है। बढ़ावा ज्ञान, जिससे व्यर्थ की चिंता नहीं होती बाद में आदमी जो जिंदगी भर काम करता रहे।
उक्त बातें वर्धा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे प्रोफेसर चितरंजन मिश्र अनंत पीठ आश्रम स्थित श्री कृष्ण इंटर कॉलेज के परिसर में स्वर्गीय राज नारायण पाठक के छठवीं पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। समारोह को संबोधित करते हुए अनंत पीठ आश्रम के पीठाधीश्रवर आन्जनेय दास महाराज ने कहा कि स्वर्गीय राज नारायण पाठक के द्वारा किया गया शिक्षा के क्षेत्र में जो प्रयास है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। स्व राज नारायण पाठक एक सामान्य व्यक्तित्व नहीं थे वह एक मनीषी थे अनंत पीठ आश्रम की पहचान आज शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रही है। समारोह की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं स्वर्गीय राज नारायण पाठक के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ ।
समारोह को श्रीचन्द्रजी महाराज विद्यालय के प्रधानाचार्य रामेश्वर प्रसाद यादव ,वीरेंद्र त्रिपाठी ,रामधनी गौड़, उपेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव पूर्व प्राचार्य बीआरडीबीडी पीजी कॉलेज आश्रम बरहज, विश्राम शुक्ला ,कृष्ण मुरारी तिवारी ,डा किरन पाठक, डा सिराज अहमद , सुनील पाण्डेय,परशुराम पाण्डेय,विनय मिश्र , अभय पाण्डेय , ने विचार रखे।
अंत में आगत अतिथियों के प्रति प्रधानाचार्य प्रेम शंकर पाठक ने आभार प्रकट किया।
संचालन बीआरडी बीडी पीजी कॉलेज आश्रम बरहज के प्राचीन इतिहास के पूर्व प्रोफेसर रहे ओम प्रकाश शुक्ला ने किया।