
उद्गार दबाये रखता हूँ,
तलवार म्यान में रखता हूँ,
मानवता का साधक हूँ,
सत्य डगर पर चलता हूँ ।
जीवन जितना जटिल होता
उसका महत्व उतना बढ़ता है,
आसान राह की कद्र नहीं,
जीवन सस्ता सा लगता है ।
अपने अपनो से लड़ते क्योंकि
वो अपने तो अपने होते हैं,
जिनके अपने नही होते वो
अपनो के लिये तरसते हैं ।
जीवन में जो कुछ पाया उससे
ही ख़ुश रहना सीख चुका हूँ,
सहज राह में चलकर, परायों
को भी अब अपना मान चुका हूँ ।
एक समय आएगा जब न
हम होंगे और न वो होंगे,
जब ये दुनिया छोड़ चलेंगे,
बस यादों के सिलसिले होंगे।
सहज सत्य जीवन की सोच
सदा सत्य सरल होती है,
आदित्य इन्ही उद्गारों से जीवन
में सीधी सच्ची अनुभुती होती है ।
कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य
More Stories
देवरिया पुलिस का मिशन शक्ति अभियान जारी, महिला सुरक्षा को लेकर किया गया जागरूकता कार्यक्रम
हेरिटेज स्कूल में छात्रों को दिया गया आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
सहभागिता योजना के आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करें – डीएम