
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। मिठौरा क्षेत्र के बौलिया राजा माइनर पर लेदवां पिपरा कल्याण के बीच शनिवार की सुबह नहर के पश्चिम पटरी से नहर के किनारे पड़ी सिल्ट तस्करी का मामला प्रकाश में आया है। सिंचाई विभाग की मेहबानी से यह कारनामे चलते रहते है। प्राप्त समाचार के अनुसार तस्करों के लिए नहर से निकाली गई सिल्ट को बालू के नाम पर बेचना कोई नई बात नहीं है। क्षेत्र में सक्रिय तस्करों ने सिल्ट को उठाना शुरू कर दिया है और अधिकारी बेखबर हैं। बौलिया राजा नहर की सफाई के दौरान निकाली गई बालू मिश्रित सिल्ट को पटरी पर रखा गया है। यह नहर मधुबनी से निकल कर सोनवल, पिपरा कल्याण, लेदवां, बौलिया राजा व मुंडेरा होते हुए बोलियां नाले में मिल जाती है। बीते दो वर्ष पूर्व भी नहर की पश्चिम पटरी की मिट्टी खोद कर उठा ले गये थे। अंधेरे में ट्रैक्टर ट्राली से भर कर सिल्ट बाहर भेज मोटी कमाई किए थे। हालांकि कुछ कार्यवाही भी की गई थी। मिट्टी बंद होने के साथ ही सिल्ट का कारोबार फिर शुरू हो गया है। इस बार दिन के उजाले के बजाय सुबह कोहरे का लाभ उठाकर ट्रालियों पर सिल्ट लोड कर बालू के नाम पर तीन से चार हजार में बेचा जा रहा है।यह सिल्ट अक्सर ग्राम पंचायतो मे बनने वाले इन्टरलाकिग खडन्जा मे किया जाता है। उपजिलाधिकारी रमेश कुमार यादव ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है।अगर ऐसा है तो किसी भी कीमत पर सिल्ट का अवैध कारोबार नहीं होने दिया जाएगा। शीघ्र छापामारी कर नहर के किनारे से सिल्ट उठाने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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