
अंबरनाथ (राष्ट्र की परम्परा) अंबरनाथ पूर्व स्थित जेपी रीजेंसी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के समापन दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखी गई। धार्मिक श्रद्धा और भक्ति भाव से ओतप्रोत इस आयोजन में विभिन्न वर्गों के नागरिकों एवं धर्मानुरागियों ने भाग लिया। यह आयोजन विधिक एवं प्रशासनिक मानकों का पालन करते हुए संपन्न हुआ।
कथावाचक वेंकटेशाचार्य निलेश महाराज द्वारा भगवान के भक्तों की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया, जिससे श्रद्धालु आध्यात्मिक चेतना से प्रेरित हुए। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मित्रता पर विशेष प्रवचन दिया गया तथा एक विशेष झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने धार्मिक मूल्यों एवं सामाजिक सद्भाव को दर्शाया।
आयोजन समिति द्वारा धार्मिक प्रवचन के उपरांत श्रद्धालुओं के लिए सत्कार एवं अल्पाहार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई। समापन दिवस पर महाप्रसाद वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया एवं प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन की पूर्व योजना के अनुसार प्रशासनिक अनुमति प्राप्त की गई थी तथा सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत स्थानीय पुलिस प्रशासन का सहयोग लिया गया।
इस धार्मिक आयोजन में विभिन्न प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें शिवसेना युवासेना अध्यक्ष निशान पाटिल, सुशांत पाटिल, उत्तर भारतीय समाज के नेता अजीत चौबे, अनिल चौबे, उद्योगपति संजय पंडिता, अधिवक्ता पूनम दुबे, अधिवक्ता अरविंद तिवारी, शेषमणि शुक्ला, बालेंद्र त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी, पं. राजन महाराज सहित कई अन्य सम्मानित व्यक्तित्व सम्मिलित रहे। इसके अतिरिक्त, सुप्रसिद्ध गायक कलाकार संजय तिवारी सफल आदि भी इस धार्मिक आयोजन के सहभागी बने।
शहर में इस धार्मिक आयोजन की भव्यता एवं सफलता को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। आयोजन समिति के सक्रिय योगदान से यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। आयोजन समिति में शामिल अधिवक्ता विजय शुक्ल, दिनेश सिंह, पांडुरंग कोरपे, अखिलेश पांडेय, ठाकुर चंद्रेश सिंह, सुदीप्ता मैटी, पवन शुक्ला, गणेश अलिंग, हर्षद वानखेड़े, विजय सोनवाने, डार्विन फर्नांडिस, ज्योतिबा गोटे, रामचंद्र कुंभार, विमल बिवाल, अभिजीत वानखेड़े, सहर्ष शुक्ल, रोशन शुक्ल, आशीष मिश्रा आदि ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके अतिरिक्त, आयोजन में महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी रही। शीला गिरी, माया तिवारी, पूजा सिंह, वंदना शुक्ला, सुनीता पठारी, रीना महाजन आदि ने आयोजन के संचालन में विशेष योगदान दिया।
बाल सहभागिता के अंतर्गत सोहम पोटे, अथर्व शुक्ल, दक्ष बिवाल, विहान भटकर आदि ने भी सक्रिय रूप से योगदान देकर आयोजन को ऊर्जा प्रदान की।
यह धार्मिक आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव के रूप में स्मरणीय बना रहेगा। इसके विधिक एवं प्रशासनिक अनुपालन को सुनिश्चित करने हेतु संबंधित विभागों से आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त की गईं, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हो सका।
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