
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
शिव भगवान की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के क्रम में बुधवार को श्रीमद्भागवत कथा का हुआ शुभारंभ। इस अवसर पर कथा वाचक साध्वी नीलेश शास्त्री ने कथा के दौरान भक्तों से कहा कि,
ज्ञान भक्ति वैराग्य बिना प्रभु कृपा के संभव नहीं।
बताते चलें कि नगर स्थित सरयू तट के निकट प्राचीन हनुमान मंदिर में बुधवार से एक माह के लिए श्रीमद् भागवत कथा और श्री राम कथा का आयोजन किया गया है। कथा के प्रथम दिन कानपुर से पधारी साध्वी नितेश शास्त्री ने भागवत कथा की व्याख्या करते हुए ज्ञान भक्ति और वैराग्य पर भक्तों को कथा का रसपान कराया, शास्त्री ने कहा कि बिना विश्वास ज्ञान भक्ति के मन में बैराग उत्पन्न नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बिनु विश्वास भगति नहीं। परमात्मा के प्रति बिना विश्वास के जीवन में ज्ञान और भक्ति उत्पन्न नहीं हो सकती और जब तक मनुष्य के अंदर ज्ञान और भक्ति उत्पन्न नहीं होगी तब तक उस जीव में वैराग्य उत्पन्न नहीं होगा, परमात्मा से अनुराग ही जीवन में वैराग्य का मध्यम है ।
नीलेश शास्त्री ने कहा कि मिलहि रघुपति बिनुअनुरागा, बिना परमात्मा के अनुराग के ज्ञान भक्ति वैराग्य प्राप्त होना संभव नहीं है। एक महीने चलने वाले कथा के आयोजन, के प्रथम दिन हनुमान मंदिर के महंत त्यागी महाराज सहित काफी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।
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