
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
श्रीराम कथा के शुभारंभ में कथा के प्रथम दिन धीरज कृष्ण शास्त्री ने भगवान के नाम की महिमा की चर्चा करते हुए, कहा कि राम से बड़ा राम जी का नाम है। रामचरितमानस से उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि, नाम के भाव से काशी में शरीर त्याग ने वालो को भगवान शिवशंकर मोक्ष प्रदान कर देते हैं। उन्होंने कहा कि भक्त प्रहलाद ने भगवान की पावन नाम का स्मरण करके, संसार में अचल स्थान प्राप्त किया। नारद ,अजामिल, गणिका, आदि ने नाम जप किया। हनुमान जी की चर्चा करते हुए कहा कि सुमीरी पवनसुत पावन नामु अपने बस करि राखे उ रामु । हनुमान जी ने भगवान के पावन नाम जप करके भगवान को अपने बस में कर लिया। सर्वप्रथम व्यास पीठ का पूजन आश्रम पीठाधीश्वर आंजनेय दास सहित कृष्णमुरारी तिवारी मनोरमा तिवारी, हरिशंकर पांडेय ,सविता पांडेय, मोहन प्यारे सोनी ,गिरिजा देवी, अभयानंद तिवारी ,अद्वैत मिश्रा ने किया। कथा के दौरान अनिरुद्ध मिश्र, डॉ किरण पाठक, राम सिंगार पांडेय ,राजन पटेल, डॉ राम विश्वास पांडेय ,रवि सोनी, सुजीत सोनी ,शिवम द्विवेदी , केशव घर द्विवेदी, पंकज शुक्ला ,दीप नारायण उपाध्याय, रामनिवास उपाध्याय , आयोजक अंचल पाठक, गिरीश मिश्रा, विनय मिश्र, श्याम जी मिश्रा, उर्मिला मिश्रा, पंकज पाठक सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीठाधीश्वर आंजनेय दास महाराज ने किया।
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