मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)l भांडुप पश्चिम के तुलसीपाड़ा में भांडुप नागरिक विकास परिषद के तत्वावधान में श्री राम कथा का आयोजन किया गया है । 7 जनवरी से चल रहे श्री राम कथा का 13 जनवरी को अंतिम दिन है। कैलाश पार्क में चल रहे कथा की शुरुआत शाम 6 से 10 बजे तक हो रहा है, जहां हजारों की संख्या में भक्त मन्त्रमुग्ध होकर कथा का रसपान कर रहें हैं।
अयोध्या से पधारे कथावाचक पद्मेश महाराज ने व्यासपीठ से कहा कि, जब हम किसी को कष्ट नहीं देंगे वही सच्चा रामराज होता है। व्यासपीठ से कथावाचक के मुख से जो भी शब्द निकल जाए उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, रामकथा आंसुओं, त्याग, समर्पण और प्रेम की कथा है। पद्मेश महराज ने कहा मानव को अमीरी और गरीबी ,सुख-दुख दोनों में ही भगवान का स्मरण बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान ने मनुष्य को शरीर केवल मानवता के कल्याण हेतु दिया है । बड़े पुण्यकर्म से हमें मानव जीवन प्राप्त हुआ है। जिसे हमें मानवता और प्रभु श्रीराम के भक्ति में तर्पण कर देना चाहिए। यह मनुष्य का जीवन तभी सफल होगा, जब हम परमात्मा के बताए रास्ते पर चलेंगे और संयम, सदाचार का पालन करेंगे। महराज ने इसके पहले श्री राम जन्म, सीता स्वंयम्बर, राम वनवास आदि लीलाओं को अपनी मधुर वाणी से बड़े ही रोचक संगीतमय भाव मे वर्णन किया।
संस्था के अध्यक्ष एड.रविन्द्र के सिंह, स्वामीनाथ मिश्रा, सजंय शुक्ला, के.आर.सिंह, डॉ रमेश सिंह आदि गणमान्यों ने इस विशाल कथा का आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम में पहुंचे महाराष्ट्र पूर्व गृहमंत्री कृपा शंकर सिंह, पूर्व सिद्धिविनायक ट्रस्टी उदय प्रताप सिंह, आदित्य दुबे,अविनाश दिनेश पांडेय, गुलाब दुबे , राजेश शुक्ला,रमेश सिंह,संतोष तिवारी आदि गणमान्यों का स्वागत किया गया।
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