December 27, 2024

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नाथपंथ को जानने का एक संपूर्ण संस्थान है श्री गोरक्षनाथ शोधपीठ : प्रो. पूनम टण्डन

गोरखनाथ सन्यास एवं योग के प्रतीक हैं- प्रो. राजवंत राव

गोरक्षनाथ शोधपीठ का 6वां स्थापना दिवस मना

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ का 6वां स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. पूनम टंडन, विशिष्ट अतिथि प्रो. राजवंत राव, अधिष्ठाता, कला संकाय एवं प्रो. अनुभूति दुबे, अधिष्ठाता छात्र कल्याण के द्वारा गुरु गोरखनाथ के चित्र पर पुष्पार्चन के साथ किया गया।
शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र ने शोधपीठ के विगत डेढ़ वर्षों की कार्य प्रगति एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. राजवंत राव ने अपने उद्बोधन में कहा कि गोरखनाथ सन्यास एवं योग के प्रतीक हैं। गोरखनाथ सभी योग परंपराओं बौद्ध, जैन, शैव, वैष्णव, वेदान्त के परम्परा को समाहित करते है। गोरखनाथ शाश्वत मूल्यों को धारण किए हुए है। इस करण से उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक बनी हुई है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टण्डन ने कहा कि शोधपीठ निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहा है। पुस्तकालय भली-भांति कार्य कर रहा है। अतिथि गृह क्रियाशील कर दिया गया है। संग्रहालय स्थापित करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे है। नाथ पंथ विश्वकोश पर शोधपीठ कार्य कर रहा है। शोधपीठ को एक उत्कृष्ठ शोध संस्थान बनाने के लिए हम कार्य कर रहे है। नाथपंथ के बारे में अगर किसी को कुछ भी जानना हो तो शोधपीठ उसके लिए एक सम्पूर्ण संस्थान होगा जहां पुस्तकालय, संग्रहालय, अतिथि गृह आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इस कार्यक्रम में शोधपीठ की त्रैमासिक ई-पत्रिका ‘गोरख पथ’ के द्वितीय वर्ष के तीसरे अंक का विमोचन कुलपति एवं विशिष्ट अतिथि के द्वारा किया गया। शोधपीठ के शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों से युक्त यह पत्रिका नियमित रूप से विश्वविद्यालय एवं शोधपीठ के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है।
कार्यक्रम का संचालन शोधपीठ की सहायक निदेशक डॉ. सोनल सिंह के द्वारा किया गया। शोधपीठ के रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुनील कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, प्रो. नंदिता सिंह, प्रो. अजय शुक्ला, डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ. दीपेन्द्र मोहन सिंह, डॉ. संजय कुमार राम, डॉ. लक्ष्मी मिश्रा, सहायक ग्रन्थालयी डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी, वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ. हर्षवर्धन सिंह, चिन्मयानन्द मल्ल, शोध छात्र-छात्रायें तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।