July 6, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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कलश पूजन व कन्या भोज के साथ श्री चण्डी महायज्ञ की शुरुआत

माता के जयकारों के साथ शुरू हुआ पिपरिया में यज्ञ

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । वैदिक काल में कहा जाता था कि अगर किसी स्थान पर यज्ञ होता है तो वहाँ पर किसी भी प्रकार की दैहिक दैविक भौतिक तीनो प्रकार की आपदाएं नही आती है,वहीं पर नहीं सकल क्षेत्र में आपदाओं का नाश होता है।
इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु गुरुवार से चण्डी माता के स्थान पर यज्ञ का अनुष्ठान साथ मे रामकथा प्रारंभ हो गई है,विगत 30 वर्षों से लगातार खैरीघाट क्षेत्र के पिपरिया स्थित चण्डी माता मन्दिर पर महायज्ञ होती आ रही है।कार्यक्रम अध्यक्ष पंडित मुकुंदराम मिश्र ने बताया की विगत वर्षों की भांति अबकी बार भी विधिविधान से कलश यात्रा के बाद यज्ञ का अनुष्ठान शुरू किया गया है।
वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ अरणी मंथन द्वारा अग्नि का आवाहन यज्ञ कुण्ड में किया गया,समस्त वैदिक विद्वानों द्वारा सस्वर स्वस्तिवाचन करके यज्ञ प्रारम्भ किया गया, पंडित मिश्र ने बताया की प्रतिदिन सायं 4 बजे से श्री राम कथा रसामृत का पान श्रोता गण विद्वान आचार्य प्रवक्ताओं से सुनेंगे।
उन्होंने बताया हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता,क्योकि भगवान की कथा अनन्त है इसका कोई अन्त नही है,श्री राम कथा अमृत रस की वर्षा आचार्य शिरोमणि के मुखारविंद द्वारा किया जाएगा,यज्ञ भूमि पिपरिया में देश विदेश से साधु-संत शामिल होते हैं।उन्होंने बताया कि गुरुवार से प्रारंभ हुई यज्ञ की पूर्णाहुति 26 दिसंबर को सुबह 10 बजे से विशाल भंडारे के साथ होगी,यज्ञ में कलश पूजन के दौरान मुख्य यजमान सावित्री देवी,डॉ घनश्याम मिश्र,रामकुमार मिश्र,अयोध्या प्रसाद,सुरेश मित्तल, रेनू मित्तल, धर्मेंद्र भारद्वाज योगेन्द्र योगी,सुधीर मिश्रा,मुरारी लाल सहित भक्त शामिल रहे।