लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। राजधानी में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से कमिश्नरेट पुलिस 24 नवंबर से 15 जनवरी 2026 तक धारा 163 लागू करेगी। यह प्रावधान कुल 53 दिनों तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में पांच से अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक रहेगी।
जेसीपी (एलओ) बबलू कुमार ने बताया कि गुरु तेग बहादुर जयंती, काला दिवस, क्रिसमस, नववर्ष और मकर संक्रांति जैसे महत्वपूर्ण अवसरों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, ताकि शहर में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
धारा 163 के तहत मुख्य प्रतिबंध
- पांच से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा नहीं हो सकेगी।
- निर्धारित धरना स्थल को छोड़कर दूसरे स्थानों पर प्रदर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- सरकारी दफ्तरों और विधानभवन के आसपास 1 किमी क्षेत्र में ड्रोन से शूटिंग पर रोक रहेगी।
- किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम या जुलूस के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी।
यूपी एसआईआर अपडेट: 50% मतदाताओं की मैपिंग पूरी
प्रदेश में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत अब तक 50% मतदाताओं की वर्ष 2003 की सूची से मैपिंग की जा चुकी है। इसका अर्थ है कि इन मतदाताओं को अब वोटर बनने के लिए कोई नया दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराना होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया:
प्रथम चरण का SIR 4 दिसंबर तक चलेगा। 15.44 करोड़ मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित किए जा रहे हैं। मतदाता सूची का ड्राफ्ट 9 दिसंबर को प्रकाशित होगा।
अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या की पहचान को लेकर महापौर की बड़ी कार्रवाई
राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान के लिए मंगलवार सुबह महापौर सुषमा खर्कवाल ने गोमतीनगर क्षेत्र में लखनऊ स्वच्छता अभियान (रामकी) के कर्मचारियों के पहचान पत्र जांचे।
निरीक्षण में—
किसी भी कर्मचारी में बांग्लादेशी होने की पुष्टि नहीं हुई।
विशेष ध्यान उन कर्मचारियों पर दिया गया जिन्होंने खुद को असम निवासी बताया था।
महापौर ने निर्देश दिए कि बिना पहचान पत्र और पूर्ण दस्तावेजों की जांच किए किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति न की जाए।
निरीक्षण के दौरान प्रोजेक्ट हेड अभय रंजन, भाजपा पार्षद संजय सिंह राठौर, अरुण राय, पृथ्वी गुप्ता, तथा जोनल अधिकारी शिल्पा कुमारी भी मौजूद रहे।
