Tuesday, October 14, 2025
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सलेमपुर तहसील में बड़ा घोटाला: मुआवजे के नाम पर लाखों की जमीन बैनामा, 50 हजार की घूसखोरी भी सामने

सलेमपुर/देवरिया। (राष्ट्र की परम्परा)
सलेमपुर तहसील में मुआवजा दिलाने का झांसा देकर दो सगे भाइयों की लाखों रुपये की जमीन को मात्र 3 लाख रुपये में बैनामा कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ितों से न केवल जमीन हड़पी गई, बल्कि 50 हजार रुपये की घूस भी वसूली गई। मामले के तूल पकड़ने पर एसडीएम ने नायब तहसीलदार को जांच सौंप दी है। आशंका है कि जांच में कई राजस्व कर्मियों और तहसील से जुड़े लोगों पर गाज गिर सकती है।

कैसे दिया गया घटना को अंजाम

पड़री पांडेय गांव के निवासी समसुद्दीन अली और अशरफ अली की जमीन से सड़क चौड़ीकरण के दौरान मिट्टी निकाली गई थी। उनकी शिकायत पर हल्का लेखपाल और नायब तहसीलदार ने दोनों भाइयों को मुआवजे का लालच देकर तहसील बुलाया। आरोप है कि उन्हें झांसा देकर एक महिला के खाते से उनके खातों में तीन लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए। इस महिला को राजस्व परिषद का अधिकारी बताया गया।
इसके बाद, 24 जनवरी को पीड़ितों को उपनिबंधक कार्यालय ले जाया गया और उनकी पाँच कट्ठा भूमि में से तीन कट्ठा का बैनामा करा लिया गया। इस जालसाजी का खुलासा तब हुआ जब 27 जनवरी को राजस्व टीम कब्जा दिलाने मौके पर पहुँची और पीड़ितों के विरोध के चलते टीम को वापस लौटना पड़ा।
45 लाख की जमीन का सौदा मात्र 3 लाख में
बताया जा रहा है कि बाजार मूल्य के अनुसार लगभग 45 लाख रुपये की जमीन का बैनामा धोखे से मात्र 3 लाख रुपये में कराया गया। इसमें से 50 हजार रुपये घूस के तौर पर तहसील गेट के पास एक दुकानदार के खाते में जमा कराए गए। एसडीएम द्वारा पूछताछ में दुकानदार ने इस लेन-देन की पुष्टि की। इससे यह भी साफ हो गया है कि तहसील से जुड़े कर्मी घूस की रकम दुकानदारों के खातों में जमा कराते हैं।

जालसाजी करने वाले पर पहले भी दर्ज है केस

सबसे गंभीर बात यह है कि इस जमीन का बैनामा कराने वाले व्यक्ति पर पहले से ही धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि तहसील और रजिस्ट्री कार्यालय में इतनी बड़ी और संदिग्ध गड़बड़ी को कैसे नजरअंदाज किया गया।

एसडीएम का सख्त रुख

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम सलेमपुर, दिशा श्रीवास्तव ने नायब तहसीलदार भटनी को जाँच सौंपी है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “मामला गंभीर है। नायब तहसीलदार भटनी को जांच सौंपी गई है। अगर तहसील कर्मी दोषी पाए जाते हैं तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।”
जाँच रिपोर्ट आने के बाद तहसील के कई कर्मचारियों और दलालों पर बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है।

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