वाराणसी(राष्ट्र की परम्परा)
वाराणसी मंडल की मंडलीय टीम एवं संरक्षा विभाग द्वारा एन.डी.आर.एफ. की 11वीं बटालियन के साथ सोमवार को 11:00 बजे मऊ कोचिंग डिपो यार्ड में फुल स्केल मॉकड्रील का संयुक्त अभ्यास किया गया । इस फुल स्केल माँकड्रील में अपर मंडल रेल प्रबंधक(इन्फ्रा) रोशन लाल यादव,जिलाधिकारी/मऊ अरुण कुमार,पुलिस अधीक्षक/मऊ अविनाश पाण्डेय,डिप्टी कमाण्डेन्ट एनडीआरएफ प्रेम कुमार पासवान ,वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी बलेंद्र पॉल,वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(कैरेज एण्ड वैगन) अनुभव पाठक,वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर रजत प्रिय, मंडल विद्युत इंजीनियर(सामान्य) रामदयाल,मुख्य कोचिंग डिपो अधिकारी(मऊ) मनीष वर्मा,सहायक मंडल इंजीनियर (मऊ) आनन्द यादव,सहायक विद्युत इंजीनियर मनीष श्रीवास्तव,सहायक संरक्षा अधिकारी अभिषेक कुमार,सहायक वाणिज्य प्रबन्धक पी एस रावत एवं मंडल चिकित्सालय के मंडल चिकित्सक के रूप में डा पुनीत राव समेत एन.डी.आर.एफ. की 11वीं बटालियन के निरीक्षक सामान्य इंद्रदेव कुमार,आरक्षी सामान्य विशाल यादव,श्री धोरेन्द्र प्रताप,अनिल कुमार पाल एवं संरक्षा विभाग अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राहत और बचाव का अहम योगदान दिया ।
सोमवार को नियंत्रण कक्ष से 11:11 बजे सूचना मिली कि गाड़ी संख्या 05251 छपरा –लखनऊ रेल (मेला स्पेशल) का पांचवा कोच (सं 00053AC 2nd NE) भटनी औड़िहार रेल खण्ड के मध्य मऊ यार्ड में कोचिंग डिपो के निकट लाइन सं 13 पर इंदारा साइड चार चक्के से डिरेल हो गयी है तथा कोच में आग लग गयी है, जिसमें 05 यात्रियों के गम्भीर रूप से घायल होने की सूचना प्रसारित की गई । घटना की सूचना मिलते ही एआरटी, एआरएम, तथा सम्बन्धित अधिकारी एवं जिला प्रशासनिक अधिकारी समेत पर्यवेक्षक घटना स्थल पर पहुँच गये । इसके साथ ही एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, जिला प्रशासन, लोकल पुलिस भी घटना स्थल पर आये । भारतीय रेल के दुर्घटना मैनुअल के गाईडलाइन्स के अनुसार सभी ने अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया तथा यह माक ड्रिल पूर्णरूप से सफल रहा।
इसी क्रम में क्रमशः दुर्घटना की प्लाटिंग की गई ,प्राथमिक सूचना का प्रसारण एवं सायरन बजाकर जनसंचार किया गया,मेन लाइन ब्लॉक होने के कारण गाडियों के मार्ग परिवर्तन एवं शार्ट टर्मिनेशन/ओरिजनेशन की सूचना दी गयी,हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया, घटना स्थल पर अग्निशामक बल,दुर्घटना राहत यान एवं चिकित्सा राहत यान का तत्काल पहुंचना, सभी तकनीकियों का प्रयोग कर आग बुझाना, साईट पर अस्थाई नियन्त्रण केंद्र स्थापित करना, यात्रियों के परिजनों को सही जानकारी हेतु इमरजेंसी नम्बर जारी करना, प्रोटोकाल के अनुसार कर्मचारियों एवं अधिकारीयों द्वारा दुर्घटना साईट पर पहुँच कर अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन,दुर्घटना प्रभावों न्यूनतम करने हेतु त्वरित कार्य करना ,टावर लाइट्स का लगाया जाना,प्रकाश हेतु जनरेटर एवं पीने के पानी की व्यवस्था करना यात्रियों को संरक्षित ढंग से निकाला जाना,संरक्षा सम्बन्धी अन्य कार्य आपातकालीन खिड़कियाँ खोलना/ कटर एवं वेल्डिंग मशीन का प्रयोग कर फंसे यात्रियों को निकालना, प्राथमिक उपचार देना, घायलों का ट्रॉमा प्रबंधन,आपातकालीन परिस्थितियों में प्रबंधन,क्रेन एवं आपदा निवारण टूल्स के प्रयोग से ट्रैक क्लियरेंस, कोच रिस्टोरेशन एवं सामान्य वर्किंग बहाल करने के उपरांत दुर्घटना के कारणों की समीक्षा की गई ।
मॉकड्रील के समापन और समीक्षा के बाद अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ़्रा) रोशन लाल यादव ने बताया की आज माक ड्रील में 05 घायल यात्रियों में गंभीर रूप से घायल 04 यात्रियों को अस्पताल भेजा गया तथा 01 सामान्य घायल को प्राथमिक उपचार देकर छोड़ दिया गया । उन्होंने रेलवे एवं एन डी आर एफ टीम के राहत और बचाव कार्यों की सराहना करते हुए कहा आप सभी की कार्य प्रणाली रेल सेवा के प्रति सतर्कता एवं जागरुकता को प्रदर्शित करता है। मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप सब भविष्य में और भी सतर्कता के साथ दुर्घटना सम्बन्धी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगें।
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