पटना/बिहार (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। जन सुराज पार्टी के राजनीतिक विस्तार को गुरुवार को मजबूती मिली, जब अररिया के जोकीहाट से चार बार विधायक और पूर्व सांसद सरफराज आलम ने आधिकारिक रूप से पार्टी जॉइन की। दिवंगत केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन के बेटे आलम, सीमांचल क्षेत्र के प्रमुख मुस्लिम राजनीतिक चेहरे हैं, और उनके शामिल होने से प्रशांत किशोर के खेमे में मजबूती आई है।
राजद से इस्तीफा और जन सुराज में शामिल:
लोकसभा के पूर्व सदस्य और जोकीहाट सीट से चार बार के विधायक सरफराज आलम ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद जन सुराज पार्टी में प्रवेश किया। पटना के शेखपुरा हाउस में पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर, राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने आलम का स्वागत किया।
आलम ने कहा, “मैं जन सुराज को सलाम करता हूं, जिसने संस्थापक प्रशांत किशोर के दृष्टिकोण के तहत बिहार को बदलने का संकल्प लिया है। यह मंच मुझे सीमांचल के लोगों के लिए अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का अवसर देगा।”
किशोर का बयान और महागठबंधन पर हमला:
आलम के शामिल होने के बाद किशोर ने कहा कि यह कदम सीमांचल में ‘भय की राजनीति’ से ‘विकास की राजनीति’ की ओर बदलाव लाएगा। उन्होंने महागठबंधन और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर भी हमला किया। किशोर ने आरोप लगाया कि इस बार महागठबंधन ने खुलेआम करोड़ों रुपये में टिकट बेचे हैं और कई जगहों पर अंदरूनी कलह के कारण दो दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
किशोर ने यह भी सवाल उठाया कि क्या मुकेश सहनी, जिन्होंने बिना आधिकारिक सीट घोषणा के उपमुख्यमंत्री पद का दावा किया, वास्तव में महागठबंधन के सहयोगी हैं।
इस कदम से जन सुराज पार्टी को सीमांचल में राजनीतिक बढ़त मिलने की संभावना बढ़ गई है और राजद को झटका लगा है।