June 17, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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साप्ताहिक योग दिवस के तीसरे दिन नैतिक मूल्यों के संरक्षण में नाथपंथ की भूमिका

गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृतिभवन सभागार में महायोगी गुरु गोरखनाथ योग संस्थान, गोरखनाथ मंदिर एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा साप्ताहिक योग शिविर एवं शैक्षिक कार्यशाला में “नैतिक मूल्यों के संरक्षण में नाथपंथ की भूमिका” विषय पर सैद्धांतिक सत्र के तीसरे दिन, मुख्य वक्ता डॉ० जयन्त नाथ, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयुष विभाग तथा नाथ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गोरखपुर नें कहा कि नाथ सम्प्रदाय भारतीय धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो अपने विशेष योग साधना, ध्यान और भक्ति के माध्यम से समाजिक मूल्यों के संरक्षण मे अपनी महती भूमिका का निर्वहन करते हुये चला आ रहा है। नाथसम्प्रदाय नें धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक धारा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि समाज में जातिवाद, धार्मिक भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ निरन्तर संघर्ष किया। नाथ सम्प्रदाय के सिद्धांतों के अनुसार, हर व्यक्ति को आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति का समान अधिकार है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से हो इस प्रकार की दृष्टि से ही सामाजिक समरसता और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा मिल सकता है। नाथ सम्प्रदाय की भक्ति परम्परा और योग साधना ने भारतभूमि के लोकजीवन को प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि नाथ सम्प्रदाय ने समाज के निचले वर्गों विशेषकर महिलाओं और दलितों को आध्यात्मिक मुक्ति का मार्ग दिखाया व उन्हें धार्मिक गतिविधियों में बराबरी का स्थान दिया।
उन्होंने कहा कि सरल शब्दों में नैतिक मूल्यों के संरक्षण से तात्पर्य सही व गलत के बीच के अंतर को महसूस करना ही है।
एक दूसरे का सम्मान, करुणा, दया, विनम्रता, विश्वास आदि सभी नैतिक मूल्य के अंतर्गत आते हैं।
उन्होंने कहा कि आदिनाथ- मत्स्येंद्र नाथ के अनन्तर गुरु गोरखनाथ का आविर्भाव भारत भूमि के लिए ही नहीं अपितु विश्व मात्र के लिए उपादेय रहा है। महायोगी गुरु गोरखनाथ नें महल तथा कुटी, ऊंच व नीच सभी के बीच योग को पहुंचाया। चारित्रिक उत्कर्ष व सद्भाव की प्रतिष्ठा, परमात्म भाव, जीवात्मा द्वारा पूर्ण शिवत्व को प्राप्त करना ही नाथ पन्थ का प्रमुख ध्येय रहा है। नाथ पंथ के सिद्धान्त इतनें उदार तथा सात्विक हैं कि सभी धर्म व सम्प्रदाय इन सिद्धान्तों को स्वीकार करने में गौरव महसूस करते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता गोरखनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी पूज्य योगी कमलनाथ ने की।
अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापन आचार्य बृजेश मणि मिश्र नें किया।
कार्यक्रम में पौराणिक मङ्गलाचरण व्याकरण विभागाध्यक्ष डॉ. अभिषेक पाण्डेय नें किया।
कार्यक्रम का संचालन योग प्रशिक्षक नवनीत चौधरी नें किया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक कमलेश मौर्य व संस्कृ्त विद्यापीठ के आचार्य डाॅ. रोहित कुमार मिश्र, डॉ. अभिषेक पाण्डेय, डॉ. दिग्विजय शुक्ल, नित्यानन्द तिवारी शशि कुमार यादव, दीप नारायण, पुरुषोत्तम चौबे, सहित विभिन्न प्रान्तों से आये योग प्रशिक्षुओं की उपस्थिति रही।
कल ‘संघर्ष पूर्ण विश्व परिदृश्य में योग की उपादेयता” विषय पर मुख्य वक्ता डॉ० बलवान सिंह, रक्षा अध्ययन विभाग, उनवल भटौली का व्याख्यान होगा।