Thursday, December 25, 2025
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मण्डल में जेई/एईएस टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित

मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने सीएमओ को दिए सख्त निर्देश, कहा-मरीजों को बेवजह रेफर न किया जाए

गोरखपुर(राष्ट्र क़ी परम्परा)
मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में जेई/एईएस (जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयुक्त सभागार, गोरखपुर में आयोजित की गई। बैठक में जेई/एईएस से बचाव, उपचार, रेफरल व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज और गोरखपुर जनपद के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), देवरिया, कुशीनगर व महाराजगंज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), गोरखपुर के सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी, एडी हेल्थ, सीएमओ डॉ. राजेश झा सहित स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जेई/एईएस जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मंडल के सभी सीएमओ अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें और अस्पतालों में आने वाले मरीजों को समय पर, उचित एवं गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराएं। किसी भी मरीज को बिना ठोस कारण के रेफर न किया जाए।
मंडलायुक्त ने कहा कि यदि किसी मरीज या परिजन द्वारा यह शिकायत मिलती है कि उन्हें बेवजह रेफर किया गया या इलाज में लापरवाही बरती गई, तो संबंधित अधिकारी और चिकित्सक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि मरीजों की जान से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक के दौरान जेई/एईएस के मामलों की वर्तमान स्थिति, अस्पतालों में उपलब्ध बेड, दवाइयों, ऑक्सीजन, जांच सुविधाओं, प्रशिक्षित स्टाफ तथा एंबुलेंस सेवाओं की समीक्षा की गई। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि गंभीर मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि जेई/एईएस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पंचायती राज, नगर निकाय, शिक्षा और ग्रामीण विकास विभागों को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। स्वच्छता, जल निकासी, फॉगिंग, टीकाकरण और जनजागरूकता कार्यक्रमों को और प्रभावी ढंग से चलाया जाए। गांव-गांव और शहरी क्षेत्रों में लोगों को बीमारी के लक्षण, बचाव और समय पर इलाज के बारे में जागरूक किया जाए।
मंडलायुक्त ने सीडीओ और सीएमओ को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से फील्ड का निरीक्षण करें और अस्पतालों की व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि केवल कागजी रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य दिखाई देना चाहिए।
बैठक में अधिकारियों ने अपने-अपने जनपदों की स्थिति से मंडलायुक्त को अवगत कराया और जेई/एईएस से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस पर मंडलायुक्त ने आवश्यक सुझाव दिए और कुछ मामलों में व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने कहा कि जेई/एईएस एक गंभीर चुनौती है, लेकिन यदि सभी अधिकारी और कर्मचारी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करें, तो इससे होने वाली जनहानि को काफी हद तक रोका जा सकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

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