Monday, December 22, 2025
Homeउत्तर प्रदेशनीति आयोग के आकांक्षात्मक विकास खण्डों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

नीति आयोग के आकांक्षात्मक विकास खण्डों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)l नीति आयोग के अंतर्गत संचालित आकांक्षात्मक विकास खण्ड (Aspirational Blocks Programme) के तहत चयनित विकास खण्डों ब्रह्मपुर एवं बांसगांव में चल रहे विकास कार्यों की गहन समीक्षा बैठक विकास भवन सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्र सरकार द्वारा नामित सेंट्रल प्रभारी अधिकारी एवं सिविल डिफेंस डायरेक्ट, आईआरएस रिधिमा वशिष्ठ ने की। बैठक का उद्देश्य आकांक्षात्मक विकास खण्डों में लागू विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना, जमीनी स्तर पर प्रभाव का मूल्यांकन करना तथा आगामी रणनीति को और अधिक सुदृढ़ बनाना रहा।
बैठक को संबोधित करते हुए सिविल डिफेंस डायरेक्ट रिधिमा वशिष्ठ ने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खण्ड कार्यक्रम भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देश के अपेक्षाकृत पिछड़े विकास खण्डों को तीव्र गति से विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुर एवं बांसगांव दोनों विकास खण्डों में विभिन्न विभागों द्वारा विकास के उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा इन दोनों विकास खण्डों को आकांक्षात्मक विकास खण्ड के रूप में शामिल किया गया है, जबकि प्रदेश सरकार द्वारा कैंपियरगंज विकास खण्ड को इस श्रेणी में सम्मिलित किया गया है, जो जनपद के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आकांक्षात्मक विकास खण्डों का मूल आधार डेटा-संचालित शासन प्रणाली है। सभी विभाग अपने-अपने कार्यों की प्रगति को सटीक एवं समयबद्ध तरीके से पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि वास्तविक स्थिति का सही मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने कहा कि केवल आंकड़े भरना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन आंकड़ों के पीछे जमीनी स्तर पर वास्तविक परिवर्तन दिखाई देना चाहिए।
रिधिमा वशिष्ठ ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, महिला एवं बाल विकास, स्वच्छता, पेयजल, बुनियादी ढांचा और आजीविका जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाए। पोषण के क्षेत्र में कुपोषण से मुक्ति, आंगनबाड़ी केंद्रों की प्रभावी कार्यप्रणाली और बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को समय से पोषाहार उपलब्ध कराना प्राथमिकता होनी चाहिए।
शिक्षा के संबंध में उन्होंने कहा कि विद्यालयों में नामांकन, नियमित उपस्थिति, ड्रॉपआउट दर में कमी और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित किया जाए। आजीविका के क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने, कौशल विकास, स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसर सृजित करने पर बल दिया जाए। डिजिटल उपकरणों एवं नवाचार का अधिकतम उपयोग कर योजनाओं की निगरानी की जाए, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
बैठक में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि जनपद प्रशासन आकांक्षात्मक विकास खण्डों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि सिविल डिफेंस डायरेक्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का आपसी समन्वय बनाकर प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए और किसी भी स्तर पर शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी।
मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी ने विकास खण्डवार विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि मनरेगा के अंतर्गत रोजगार सृजन, स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता कार्य, पोषण अभियान, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं में निरंतर प्रगति हो रही है। परियोजना निदेशक दीपक सिंह ने ग्रामीण विकास योजनाओं की स्थिति से अवगत कराया।
डीसी मनरेगा रघुनाथ सिंह ने मनरेगा के अंतर्गत सृजित रोजगार एवं परिसंपत्ति निर्माण की जानकारी दी। डीपीआरओ नीलेश सिंह ने पंचायत स्तर पर चल रहे विकास एवं स्वच्छता कार्यों की समीक्षा प्रस्तुत की। जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव मिश्रा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति पर प्रकाश डाला। बीएसए धर्मेंद्र त्रिपाठी ने शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे सुधारात्मक प्रयासों की जानकारी दी, जबकि जिला संख्यिकी अधिकारी कमलेश मौर्य ने डेटा संकलन, विश्लेषण एवं रिपोर्टिंग की स्थिति से अवगत कराया।
बैठक के अंत में सिविल डिफेंस डायरेक्ट रिधिमा वशिष्ठ ने निर्देश दिया कि सभी विभाग आपसी समन्वय एवं नवाचार के साथ कार्य करें और आकांक्षात्मक विकास खण्ड कार्यक्रम को एक परिणामोन्मुखी मॉडल के रूप में स्थापित करें। उन्होंने कहा कि नियमित समीक्षा, प्रभावी निगरानी और जनभागीदारी के माध्यम से ब्रह्मपुर, बांसगांव एवं कैंपियरगंज विकास खण्डों को समावेशी, संतुलित एवं सतत विकास का आदर्श उदाहरण बनाया जाएगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments