गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के रक्षा एवं स्त्राताजिक अधययन विभाग में सोमवार को विभाग के सेवानिवृत आचार्य प्रो. प्रदीप कुमार यादव का विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर विभाग में उपस्थित विभाग के सभी शिक्षकों और विश्वविद्यालय के दूसरे विभागों एवं दूसरे कॉलेजों से पधारे आचार्य गण ने प्रो. प्रदीप कुमार यादव से जुड़ी विभिम्न घटनाक्रमों को याद किया एवं उनके सुखद, उज्जवल व स्वस्थ भविष्य की शुभकामनायें प्रदान की।
विभाग के अध्यक्ष ने प्रो. विनोद कुमार सिंह ने अपने साथी प्रो. प्रदीप कुमार यादव के संघर्ष के दिनों को भी याद किया और कहा कि भले ही आज प्रो. प्रदीप कुमार यादव सेवानिवृत होने जा रहे हैं। फिर भी ये अगले तीन सालों तक मेरे अध्यक्षीय कार्यकाल में विभाग के सहयोगी बने रहेंगे।
संबोधन के क्रम में रसायन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रो. प्रदीप कुमार यादव का जीवन शिक्षक की गरिमा एवं विश्वविद्यालय की अस्मिता की रक्षा में समर्पित रहा है।
उन्होंने प्रो. प्रदीप कुमार यादव जी को शिक्षक अस्मिता को प्रणेता के रूप में याद किया। अगले क्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनीष मिश्र ने प्रो. यादव जी साथ अपने यादों को साझा करते हुए कहा कि आपने सदैव एक बड़े भाई के रूप में कार्य किया है। पूर्व विभागाध्यक्ष गणित विभाग प्रो. वी.एस. वर्मा ने कहा कि विषम परिस्थितियों में कैसे कार्य करना है ये चीज प्रदीप सर से सीखने को मिला। इनसे हर परिस्थिति में समरसता का भाव सीखने को मिला। अगले क्रम में प्रो. श्याम सिंह ने प्रो. प्रदीप कुमार यादव जी को जीवन के दूसरे पारी के लिए सुखद, खुशहाल एवं स्वास्थ्य जीवन के लिए शुभकमनाएं दी।
प्रो. के.के. यादव प्राचार्या बापू पीजी कॉलेज पीपीगंज (रिटायर्ड) ने कहा कि प्रो. प्रदीप यादव एक अच्छे इंसान है।ये सदैव खुशहाल रहे और स्वस्थ्य रहे।
संत विनोबा पीजी कॉलेज देवरिया के पूर्व आचार्या प्रो. असीम सत्यदेव ने कहा कि मेरी मुलाकात प्रो. प्रदीप कुमार यादव जी उस समय पहली बार हुई थी। जब समान कार्य वेतन व्यस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। उन्होने प्रो. प्रदीप कुमार यादव जी को उज्वल भविष्य की सुभकामनाएं दी।
महाविद्यालय भटवली बाजार के पूर्व आचार्या प्रो बलवान सिंह ने पुराने दिनों को याद किया और कहा कि सेवा समाप्ति के बाद ऐसा लगता है कि जीवन अभी शुरू हुआ है, प्रो. यादव को उज्वल भविष्य की शुभकामनाएं। डी.वी.एन. पीजी कॉलेज के पूर्व आचार्या प्रो. भगवान सिंह, प्रो यादव जी के बारे में ये लाइनें कहीं कि यही जब न होंगे तो क्या रंगे महफिल, किसे देख मुस्कुराएंगे… संबोधन के अगले क्रम में विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रो प्रदीप कुमार यादव ने सदैव अपना 100% योगदान इस विभाग को दिया। प्रो. यादव एक प्रकाशित दीपक की भांति रहे हैं। ये जहां भी रहेंगे सदैव प्रकाश फैलाते रहेंगे।
संबोधन के अगले क्रम में डा. आरती यादव ने कहा कि प्रो. प्रदीप कुमार यादव सर के जीवन को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है, ये सदैव सरल, सहज एवम जिंदादिल इंसान रहे है। संबोधन के अगले क्रम में पूर्व विभागाध्यक्ष रक्षा अध्ययन विभाग प्रो. आर. एन. सिंह ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए अद्भुत अवसर है। उन्होने प्रो. यादव के बारे में रामायण की पंक्तियां कहीं, ”सुनाहू तात यह अकथ कहानी…तात तुम्हारा विमल जस गाही…” संबोधन के अगले क्रम में प्रो. ए.पी. शुक्ला, पूर्व विभागाध्यक्ष रक्षा अध्ययन विभागने अपने संस्मरणों को याद करते हुऐ प्रो. यादव जी को स्वास्थ्य, सुखी और समृद्ध जीवन को सुभलमन दीं। पूर्व प्रति कुलपति एव अधिष्ठाता विज्ञान संकाय, दी. द. उ. गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर प्रो. हरी सरन ने कहा कि प्रो. यादव एक अच्छे इंसान, अच्छे शिक्षक के साथ साथ एक अच्छे प्रशासक भी रहें हैं। जिस भी पद पर आप रहे है वहां आपने कीर्तिमान स्थापित किया है।
पूर्व विभागाध्यक्ष रक्षा अध्ययन विभाग एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न पदों पर रहे, पूर्व कुलपति रज्जू भैया विश्वविद्यालय इलाहाबाद एवं पूर्व कुलपति मगध विश्वविद्यालय प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने प्रो. प्रदीप यादव जी के बारे में कहा कि ये मेरे शिष्य भी रहे हैं और सहयोगी भी रहे हैं। इन्होने इस गुरु शिष्य परंपरा के पुष्पित पल्लवित किया है। प्रो. यादव के अनुभव, और ज्ञान की अवश्यकता अभी इस विभाग को ही नहीं बल्कि पूरे देश और समाज को है। इनमें शिक्षक रहते हुए सदैव नया सिखने की भावना रही है। एक शिक्षक के रूप में प्रो. यादव सर्वगुण सम्पन्न शिक्षक रहे हैं। संबोधन के अगले क्रम में प्रो. प्रदीप कुमार यादव ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय में अपने विद्यार्थी जीवन से लेकर शिक्षक जीवन तक के दिनों को याद किया और इस अवसर पर अपने दिनों को याद करते हुए भावुक पलों को भी याद किया। उन्होने कहा कि एक अच्छे शिक्षक की पूंजी उसके विद्यार्थी ही होते हैं और जीवनपर्यन्त मैं अपने विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहूंगा।कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रवीन कुमार सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. श्री निवास मणि त्रिपाठी जी ने किया।
इस अवसर पर विभाग के सहायक आचार्या डा. जितेंद्र कुमार, डा. विजय कुमार, डा. अभिषेक सिंह एवं विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक गण प्रो. विजय कुमार, प्रो. सुधीर कुमार श्रीवास्तव, प्रो उमा श्रीवास्तव, प्रो. प्रत्यूष दुबे, प्रो. राजवीर सिंह, डा. सुनील यादव, डा. अंशुमान सिंह, डा. शुभ्रांशु शेखर सिंगर, विभाग के कर्मचारी गण, शोध छात्र-छात्राएं एवम यूजी पीजी के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
More Stories
ट्रक और डबल डेकर बस की जोरदार टक्कर में पांच की मौत
सिटीजन फोरम की पहल, हिंदी की पाठशाला कार्यक्रम आयोजित
जयंती की पूर्व संध्या पर दी गई मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि