

कहीं छप्पर तो कहीं जर्जर मकान बया कर रहे हैं खजिम्मेदारों की घोर लापरवाही
आखिर कैसे कटा गरीब पात्रों का नाम जब ग्राम प्रधान ने नहीं किया कोई प्रस्ताव
महराजगंज( राष्ट्र की परम्परा)।
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण इन दिनों जहां एक तरफ अपात्र लोगों का नाम काट कर गरीब जरूरतमंद लोगों को दिया जा रहा है और इस पर सरकार भी पूरी तरह से कटिबद्ध है कि गरीब और समाज के अंतिम लोगों तक योजनाओं का लाभ निर्बाध गति से पहुचे तो वही लक्ष्मीपुर ब्लाक के अंतर्गत बैरवा जंगल में मामला कुछ उल्टा है ।यहाँ पात्र, गरीब और असहाय लोगों का नाम काट कर शासन की शीर्ष प्राथमिकता वाले योजना को मिट्टी में मिलाने में ब्लॉक कर्मचारी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।लक्ष्मीपुर ब्लाक के अंतर्गत बैरवा जंगल मे दर्जनों पात्र गरीब लाभार्थियों के नाम की आईडी भी जनरेट हो गई थी परंतु ब्लॉक कर्मियों की कर्तव्य हीनता , उदासीनता और लापरवाही से गरीब और असहाय लोगों के पात्रता की सारी शर्तों को दरकिनार करते हुए गलत कारणों को दर्शाते हुए आवास से नाम काट दिया गया है।
सबसे बड़ी और दिलचस्प बात यह है कि उक्त ग्राम के प्रधान ने इस आशय का कोई प्रस्ताव न ही बैठक जारी किया है।
बैरवा जंगल में रेनू पत्नी सरोज आई डी संख्या -133933818, रामशंकर पुत्र शिवचरण-133921224, पूर्णवासी पुत्र अच्छेलाल- 134080888,अंजनी पत्नी रुदल- 140745709,श्रीराम पुत्र रामसरन- 134078898 समेत दर्जनों गरीब, मजदूर ,असहाय, निरीह लोगों का पात्रता सूची से नाम काट दिया गया है।अगर पुनः धरातलीय निरीक्षण किया जाय तो वरीयता क्रम मे उक्त लोग पात्र पाए जायेंगे ।

ग्राम बैरवा जंगल में आवास से संबंधित पात्रता को निर्धारित करने में अधिकारियों को शायद कोई ज्ञान नहीं है तभी तो इतने गरीब असहाय और छप्पर वालों का नाम काट दिया गया है ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुग्रीव यादव का कहना है कि इस आशय का हमने न कोई प्रस्ताव दिया है और न ही कोई बैठक की है यह संदेह के घेरे में है ।ग्राम प्रधान ने पुनः जांच कराने की बात कही है

इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी विजय कुमार मिश्रा से जब पूछा गया तो उन्होंने संतोष जनक उत्तर नहीं दिया वहीं मुख्य विकास अधिकारी अमित मिश्रा का कहना है कि यह मामला संज्ञान मे आया है जांच कराकर कार्रवाई कि जाएगी।
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