November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

बारिश में बिजली गुल उमस से बिलबिल रहे हैं सादुल्लानगर क्षेत्र वासी

उतरौला ,बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा) बिजली सप्लाई और कटौती के चक्रव्यूह में आमजन में त्राहि-त्राहि मची हुई है जिस सम्बन्ध में विधुत विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी सही सूचना देने में कन्नी काट रहे हैं । विधुत उपकेंद्र अचलपुर चौधरी पर विगत एक हफ्ते पूर्व एक भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया था जिसमें मुख्य अतिथि विधायक उतरौला रामप्रताप वर्मा और सांसद प्रतिनिधि कमलेश पाण्डेय के साथ विभाग के आला अधिकारी अधीक्षण अभियंता बालकृष्ण, अधिशासी अभियंता विश्वास कुमार की मौजूदगी में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया गया कि अचलपुर चौधरी उपकेंद्र अब मील का पत्थर साबित होगा जिसे सीधा मनकापुर से 33000 लाइन से जोड़ दिया गया परन्तु जिस प्रकार लाइन को जोड़ने और भरपूर सप्लाई के कसीदे कुछ पढ़े गए सब उद्घाटन के दूसरे दिन से दम तोड़ दिए। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने लोगों से जयकारे की खुशियां बटोर कर सारी जिम्मेदारी उपकेंद्र पर तैनात कर्मचारियों के हवाले कर दिया और उसी दिन से उपभोक्ताओं को बस अंधकार ही मिल रहा है। उपभोक्ताओं आफताब, इसरार अहमद, राजेश, कमलेश,राजू गुप्ता, दिलीप मौर्या, डाक्टर परवेज, नूर अशरफ, कुलदीप मौर्या, सहित तमाम लोगों का यही दर्द है कि अब लाइट के दर्शन कब होंगे । आमजन में अनेकों चर्चाओं का बाजार गर्म है कि उक्त उपकेंद्र को सीधा मनकापुर से जोड़ने में सरकारी धन का बंदरबांट कर उपभोक्ताओं के साथ भद्दा मजाक किया गया। कर्मठ समाजसेवी और अधिवक्ता विवेक श्रीवास्तव, अध्यापक वेदप्रकाश आदि की मानें तो उक्त उपकेंद्र को जर्जर तारों और खम्भों के सहारे पुरानी घारीघाट मनकापुर से ऐन केन प्रकारेण जोड़ कर उद्घाटन समारोह आयोजित तो कर सारा श्रेय कुछ छुटभैय्ए नेताओं को मिल तो गया लेकिन इसकी तकनीकी बारीकियों को नजरंदाज करते हुए उच्चाधिकारियों ने भी कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि बस लोगों को व्हाट्सएप्प के माध्यम से ब्रेक डाउन, मनकापुर से सप्लाई फेल ,कहीं खम्भे गिरने और उस पर काम प्रगति पर है के संदेशों से अपने रात दिन को कोसते बीत रही है । जब यदा कदा इसकी शिकायत से उच्चाधिकारियों को अवगत कराने की कोशिश की जाती है तो उसे कोई सम्पर्क नहीं हो पाता जिससे उपभोक्ताओं में अब असंतोष और रोष चरम पर पहुंच गया है।