November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

बाढ़ की जद‌ में आये‌ सैकड़ो गांव के बाशिंदों को करना पड़ रहा है दुश्वारियों का सामना

उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)l बाढ़ की जद‌ में आये‌ सैकडों गांव के बाशिंदों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।क‌ई गांव के लोग अभी भी छतों पर रहकर गुजारा कर रहे हैं।हैंड पंपो के पानी में डूब जाने से शुध्द पेयजल की किल्लत बढ़ ग‌ई है। बाढ़ की त्रासदी ने महुवाधनी के निर्भाडीह मजरे के तीन कच्चे आशियानों को धराशाई कर दिया है। किसानों के सैकड़ो हेक्टेयर धान की फसल बरबाद हो ग‌ई है‌। बौड़िहार, रसूलाबाद, टेढ़वा तप्पा बांक, गोनकट, हसनगढ़,भरवलिया, डुढ़ुहिया,मस्जिदिया, कंचनपुर, गोवर्धनपुर, परसौना, चिचुहड़ी सहागियां, नंदौरी, भरवलिया, हासिम पारा, छितरपारा, पाला पाली, मटयरिया कर्मा, मिलौली बाघाजोत, मोहनजोत, गुरुदयाल डीह, अल्लीपुर बुजुर्ग, बभन पुरवा, महुआ धनी, बरायल, कटरा, बारम, फत्तेपुर, रुस्तम नगर, कोहिनिया, उपरौहौला, कर्मा, पिपरा एकडंगा, रसूलपुर, राजापुर, पनवापुर,रेहरा माफी,चीती,बनकटवा,गरीब नगर, समेत सैकड़ा भर गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं। नदी से बाहर निकले पानी ने रास्तों को जलमग्न कर दिया है। जबकि खेतों में खड़ी किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। राप्ती नदी के पानी ने तबाही मचा रखा है। नदी के किनारों से बाहर निकला पानी किसानों की खड़ी फसलों को बर्बाद कर रहा है।हालत यह है कि सोमवार को मनकापुर मार्ग पर लालगंज से इमलिया बनघुसरा तक सड़कों पर अभी भी एक फिट पानी बह रहा है पानी के तेज बहाव के चलते छोटे वाहनों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो ग‌ई है।इसी तरह उतरौला से पचपेड़वा मार्ग पर सड़क पर दो से तीन फिट पानी बह रहा है। आठ दिन बीतने के बाद भी बाढ़ का पानी गांव, रास्तों व खेतों में कहर बरपा रहा है। क्षेत्र के सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। गांव से शहर आने वाले रास्ते जलमग्न हैं।कहीं कहीं पर लगे इंडिया मार्का हैंड पंप पानी में डूबे हुए हैं जिसके चलते लोगों के सामने पीने के लिए साफ पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। जानवरों के चारे के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। खेतों में खड़ी धान, सब्जियां, दलहन, गन्ना, की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। सूखे की मार झेल रहे किसानों को अब बाढ़ के पानी ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है।