
भारतीय सभ्यता की विरासत है संस्कार और संस्कृत
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)भारतीय सभ्यता को सुरक्षित रखने वाली भाषा संस्कृत हैं जिसको जीवन्त रखने के लिए भारत के संत और पीठाधीश्वर प्रयास करते रहते हैं देवरिया में भी कई ऐसे मठ और मंदिर हैं जो बहुत प्रचलित तो नहीं है लेकिन अपने संस्कार और सभ्यता और भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए संस्कृत विद्यालय संचालित करते हैं। जिसमें पढ़ने वाले छात्रों को संस्था के तरफ से निशुल्क वस्त्र और भोजन की व्यवस्था की जाती है देवरिया जनपद का एक ऐसा मंदिर हैं जो लगभग 200 वर्ष पुराना बताया जाता है इस मंदिर के नाम पर ही उसे गांव का नाम पड़ गया विष्णु भगवान का यह मंदिर है जो श्री बैकुंठ नाथ भगवान के नाम से जाना जाता है और इसी नाम से वहां पर विद्यालय भी संचालित होता है जिसमें भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए संस्कृत के विद्यार्थियों को तैयार किया जाता हैं। श्री बैकुंठ नाथ पवहारि संस्कृत महाविद्यालय मैं नए सत्र का नामांकन होना प्रारंभ हो गया है जिसके लिए विद्यालय परिवार के तरफ से 11 मई को प्रवेश परीक्षा कराकर नामांकन किया जाएगा इस संस्था को संचालित करने के लिए श्री पहरी जी महाराज लगातार प्रयत्न करते रहते हैं और ब्राह्मण बटुकों को संस्कृत शिक्षा देने के बाद भारतीय संस्कृति को सुसज्जित करने के लिए अग्रसरित कर दिया जाता है। वे ब्राह्मण पूजा पाठ अनुष्ठान यज्ञ आदि कर करके भारतीय संस्कृति को सुसज्जित करते हैं।
More Stories
आलेख
डीएम ने उर्वरक वितरण में पारदर्शिता और नियंत्रण हेतु दिए निर्देश
पहले फर्जी तरीके से बेची जमीन फिर खरीदार को देने लगा धमकी