December 24, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

फोन से रिश्ता

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
भूख प्यास दुनियादारी से
कोई मतलब ना होता
कुछ साथ रहे या ना रहे
पर फोन हमेशा संग रहता
बैठे हो एक साथ सभी
अपने सन्नाटा छाया रहता है
सभी बने हैं बेगाने
फोन से रिश्ता यूं होता
भूख प्यास दुनियादारी से
कोई मतलब ना होता

फोन बहुत जरूरी है
चाहे खाने को ना मिलता
गूगल पर सर्च करो तो
सारा विश्व यहीं पर है दिखता
पढाई से लेकर शॉपिंग तक
फोटो से लेकर गणना तक
कितने यन्त्र को खत्म किया
यह फोन सभी को व्यस्त किया
भूख प्यास दुनियादारी से
कोई मतलब ना होता

छोटे बच्चों का बना खिलौना
मिले फोन तो नहीं है रोना
आधी आधी रात को जगना
फिर भी समय तो कम है पड़ना
रेडियो टीवी कैलकुलेटर
कैमरा सिनेमा और थिएटर
सबको बंद कराया है
एंड्रॉयड फोन जो आया है
भूख प्यास दुनियादारी से
कोई मतलब ना होता

हर व्यक्ति का है अपना फोन
पैसे का है कोई न मोल
मनोरंजन करता है बेजोड़
जुड़े हैं रिश्ते सबसे अनमोल
दूर रहे या पास रहे
मिलने का एहसास रहे
बिन बात किए मुस्काते हैं
हर हाथ में फोन विराजे हैं
भूख प्यास दुनियादारी से
कोई मतलब ना होता

सीमा त्रिपाठी
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका