नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अक्टूबर 2025 की बैठक में नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है। तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को इस फैसले की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने मौद्रिक नीति रुख को ‘तटस्थ’ बनाए रखने की घोषणा की।
EMI ग्राहकों को राहत, ब्याज दर जस की तस
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से गृह ऋण, वाहन ऋण और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों की EMI में फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। फरवरी 2025 से अब तक आरबीआई कुल 100 आधार अंक की कटौती कर चुका है। जून 2025 में ही रेपो रेट 50 आधार अंक घटाकर 5.5% किया गया था।
अनुकूल मानसून और कम मुद्रास्फीति से अर्थव्यवस्था को सहारा
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अनुकूल मानसून, खाद्य कीमतों में कमी और कम मुद्रास्फीति के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 2.07% के छह साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी।
GST सुधारों से मिलेगा महंगाई पर काबू
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि GST सुधारों और अन्य नीतिगत बदलावों से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही उपभोग और विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि मजबूत रेमिटेंस और सुधारात्मक कदमों के चलते चालू खाता घाटा (CAD) टिकाऊ रहने की उम्मीद है।
टैरिफ का असर दूसरी छमाही पर
हालांकि, गवर्नर ने चेतावनी दी कि टैरिफ संबंधी घटनाक्रम इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि की गति को प्रभावित कर सकते हैं। फिर भी, जीएसटी और अन्य सुधारों के चलते बाहरी दबाव का असर सीमित रहने की संभावना है।