
‘निर्णायक भूमिका’ में रहे पी. एस. फाउंडेशन के ‘वोट’
मुंबई (राष्ट्र की परम्परा)
देश में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने जहाँ सारे एग्जिट पोल के आकलन पर पानी फेर दिया। वहीं उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट का नतीजा भी अविश्वसनीय रहा। इस सीट पर हार जीत जीत का अंतर मात्र 48 वोटों का रहा, जो कि सबसे कम अंतर की हार-जीत का रिकार्ड है। बता दें कि इस जीत में अंधेरी विधानसभा (पूर्व) से पी. एस. फाउंडेशन संस्था का अहम योगदान रहा। गौरतलब हो कि अंधेरी पश्चिम विधानसभा के भजपा विधायक अमित साटम एन डी ए के प्रत्याशी रविंद्र वायकर को अपने विधानसभा से मात्र 221 वोटों की बढ़त दिला पाए।
जबकि वर्सोवा विधानसभा की विधायक भारती लवेकर की विधानसभा में अपने प्रतिद्वंदी से २१,०१० वोटों से पीछे रहे ।इतना नहीं अपने विधानसभा जोगेश्वरी में भी वायकर ११,२९५ वोटों से पीछे रहे।. इसके अलावा शिवसेना विधायक सुनील प्रभु के क्षेत्र दिंडोशी विधानसभा में भी एक हजार मतों से पीछे रहे हैं।रविन्द्र वायकर को मजबूत बढ़त भाजपा विधायक विद्या ठाकुर की विधानसभा में मिली। इसके अलावा अंधेरी विधानसभा में 10118 वोटों से बढ़त मिली। जो की वायकर की जीत के लिए अहम रही। बता दें कि अंधेरी ( पूर्व) में पी. एस. फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा और उनके समर्थकों द्वारा रविन्द्र वायकर की जीत में अहम भूमिका निभाई गई है। बताया जाता है कि वायकर की उम्मीदवारी की घोषणा अंतिम समय में किए जाने के बाद से पी . एस. फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने अपने समर्थकों के साथ आंधी तूफान की तरह प्रचार किया। उसी का नतीजा है कि वायकर मात्र 48 वोटो से जीत गए। वहीं पी. एस. फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य और अजय चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय तिवारी का कहना था कि यह तो हम रविंद्र वायकर के लिए लगे थे। जब विधानसभा में प्रदीप शर्मा उम्मीदवार होंगे तो अंधेरी (पूर्व) से उन्हें कम से कम 1लाख वोट मिलेंगे और 30 से 35 हजार वोटों से आगे रहेंगे।
