January 16, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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राष्ट्रीय परशुराम सेना का मुंबई पश्चिमी क्षेत्र में हुआ विस्तार

मुंबई (राष्ट्र की परम्परा )ब्राह्मण समाज के हित में कार्य कर रही ‘राष्ट्रीय परशुराम सेना’ ने मुंबई पश्चिमी क्षेत्र का विस्तार किया। इस अवसर पर संतोष शुक्ला को पश्चिम मुंबई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह कार्यक्रम कांदीवली पूर्व स्थित वंदना बैंक्वेट हॉल में आयोजित हुआ, जहां आयोजन की शुरुआत चंदन जनेऊ से स्वागत और दीप प्रज्ज्वलन से की गई।
सेना के राष्ट्रीय सचिव अविनाश दिनेश पांडेय ने मंच का संचालन करते हुए कहा, “हम विप्र समाज के सुख में भले न पहुंचें, लेकिन दुख में सबसे पहले पहुंचने का प्रयास करना होगा।” उन्होंने आगे कहा, हम डिजिटलाइजेशन पर कार्य कर रहें हैं। अब समय आ गया है कि हम निर्बल, वंचित और पिछड़े ब्राह्मणों के हित में सरकार से आरक्षण की मांग करें।” साथ ही उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अन्य समाजों का सम्मान करते हुए, अपने आसपास के सभी ब्राह्मणों को सेना से जोड़ने का प्रयास करें।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के अध्यक्ष सचिन चौबे ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए जमीनी स्तर पर तेजी से काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए सभी तैयार हैं।
राष्ट्रीय महासचिव संजय शर्मा ने समाज के उत्थान के लिए ध्यान रखने की बात करते हुए कहा, “हमें ब्राह्मण समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हर व्यक्ति तक पहुंचकर उनकी मदद करनी होगी।”
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश पांडेय ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों के लिए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप शुक्ला द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसी तरह मुंबई में भी हम समाज के लिए मजबूत कार्य करेंगे।
इस बैठक में मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों जैसे मुलुंड, भांडुप, बोरीवली, नालासोपारा, पनवेल, दिवा, कल्याण आदि से पदाधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित हुए। इस अवसर पर आशा शुक्ला, कृष्णकांत शुक्ला, आशीष पांडेय, मुन्ना मिश्रा, संदीप तिवारी, जय शुक्ला, जय तिवारी, आर. के. मिश्रा, देवनारायण तिवारी, राजेश पांडेय, संजय शर्मा, संतोष शुक्ला, आशा शुक्ला, इंद्रप्रकाश तिवारी, अजय शुक्ला और रास बिहारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार रखे और संगठन को मजबूत बनाने के लिए संकल्प लिया।
संगठन के सदस्यों ने आधुनिक तरीके से विप्र समाज को राष्ट्रीय परशुराम सेना से जोड़ने का निर्णय लिया और कार्यक्रम का समापन आभार प्रकट करते हुए किया।