पुलिस को चकमा देकर आरोपित कोर्ट में कर सकते हैं आत्मसमर्पण
गोरखपुर के ईशु अस्पताल पर मारा गया था छापा
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
हास्पिटल व एंबुलेंस माफिया पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। गुलरिहा, चिलुआताल, गगहा के साथ ही शहर में संभावित ठिकानों पर दो दिन से छापेमारी चल रही है। कई मददगारों को चिह्नित करने के साथ ही उनकी निगरानी की जा रही है।
आरोपित चकमा देकर आत्मसमर्पण न कर दें
इसके लिए कचहरी में पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है। झुंगिया का रहने वाला निगम 16 फरवरी की रात से ही मोबाइल फोन बंद करके फरार है। अपनी एंबुलेंस को भी उसने हटा दिया है। ईशु अस्पताल की संचालक व रियांव गांव के प्रधान की पत्नी रेनू, एंबुलेंस चालक अजीत और अजय भी नहीं मिल रहे।
इनके विरुद्ध रामगढ़ताल थाने में जालसाजी करने व रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज है। मनोज निगम के विरुद्ध चिलुआताल थाने में भी मुकदमा दर्ज है। पुलिस के शिकंजा कसने पर तीन दिन पहले एंबुलेंस माफिया ने न्यायालय में समर्पण करने के लिए अर्जी दी, जिसके बाद कचहरी में पहरा बढ़ा दिया गया है।
मनोज को पहचानने वाले सिपाहियों की सादे कपड़ों में ड्यूटी लगाई जा रही है। रामगढ़ताल थाना पुलिस ने सोमवार को उसे भगोड़ा घोषित करने के लिए न्यायालय में अर्जी दी।
16 फरवरी को डीएम के निर्देश पर सीएमओ व सिटी मजिस्ट्रेट ने पुलिस बल के साथ पैडलेगंज स्थिति ईशु अस्पताल में छापा मारा था, जहाँ भर्ती मरीजों से पूछताछ व जांच में बीआरडी मेडिकल कालेज में फैले मरीज व एंबुलेंस माफिया गिरोह के बारे में जानकारी मिली।
अस्पताल को सील करने के बाद एडिशनल सीएमओ ने आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। ईशु अस्पताल के संचालक रियांव गांव के प्रधान नितिन यादव उसके भाई, अस्पताल का पंजीकरण कराने वाले डा.आरपी सिंह, बीआरडी के ट्राली मैन, एंबुलेंस माफिया दीपक उर्फ दीपू समेत आठ आरोपितों को पुलिस ने जेल भेजा था।
निजी अस्पताल में भी घूम रहे मरीज के दलाल
बीआरडी मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पताल में भी मरीज माफिया व दलालों का नेटवर्क फैला है। सोमवार को पुलिस कार्यालय पहुंचे निजी अस्पताल के संचालक ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर, आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की। कैंट थानेदार जांच में जुटे है।
सोमवार की दोपहर में दाउदपुर स्थित अस्पताल संचालक ने एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि, सुबह से लेकर रात तक दलाल चौराहे पर सक्रिय रहते हैं। मरीज के तीमारदार को अच्छा उपचार मिलने का झांसा देकर कमीशन वाले अस्पताल में ले जाते हैं। कई तीमारदार के शिकायत करने पर उन्हें मामले की जानकारी हुई।
एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर ने बताया कि कैंट थानेदार को जांच सौंपी गई है। निजी अस्पताल के पास मरीजों की दलाली करने वालों पर कार्रवाई होगी।
एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने कहा कि मरीज व एंबुलेंस माफिया के साथ ही सहयोगियों की तलाश चल रही है। छानबीन में विवेचक को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। पुलिस उस पर काम कर रही है। आरोपितों पर इनाम घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने के बाद अपराध से अर्जित संपत्ति को पुलिस जब्त कराएगी।
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