महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।नगर पंचायत चौक क्षेत्र में पिछले दो वर्षों के दौरान हुए विकास कार्यों तथा नगर पंचायत को प्राप्त बजट के व्यय पर सवाल उठते हुए स्थानीय युवक नीरज कुमार मिश्रा, निवासी ग्राम नदुआ, थाना कोतवाली, तहसील सदर, जनपद महराजगंज द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत विस्तृत जानकारी की मांग की गई है। यह आवेदन जन सूचना अधिकारी / अपर जिलाधिकारी महराजगंज को संबोधित किया गया है।
आवेदक ने बताया कि नगर पंचायत चौक के विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने का दावा किया जाता है, किंतु धरातल पर कई स्थानों पर कार्य अधूरा या संदिग्ध स्थिति में दिखाई देता है जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने विभिन्न मदों पर बिन्दुवार प्रमाण सहित सूचना मांगी है, ताकि सार्वजनिक धन के उपयोग की पारदर्शिता सामने आ सके। दो वर्षों में प्राप्त सरकारी बजट से किए गए सभी कार्यों का विवरणजो किस- किस स्थान पर कार्य कराया गया। प्रत्येक कार्य पर कुल कितनी धनराशि खर्च हुई। कार्य किस विभाग / ठेकेदार / एजेंसी द्वारा कराया गया। ,संबंधित व्यय का सत्यापित अभिलेख एवं छाया प्रति। दुसरे बिन्दु में नगर पंचायत बनने के बाद अब तक खरीदे गए संसाधनों का पूरा रिकॉर्ड जिसमें किन फर्मों से सामान खरीदा गया। सामान का नाम, मात्रा, बिल, कोटेशन एवं भुगतान से संबंधित अभिलेख। तिसरी बिन्दु में नगर पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति और स्थितिके बारे में जो संविदा, दैनिक वेतन भोगी एवं नियमित कर्मचारियों की कुल संख्या।
उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया एवं आदेशों की छाया प्रतियां।
चौथे बिन्दु में विज्ञापन व प्रचार-प्रसार पर हुए खर्चों का विवरणजो प्रिंट मीडिया, होर्डिंग, बैनर, दीवार लेखन, स्वागत कार्यक्रम आदि पर अब तक खर्च की गई राशि। संबंधित एजेंसी / कलाकार / संस्था का नाम, पता एवं भुगतान विवरण आदि मांगा गया है, वही आवेद ने कहा की नगर पंचायत चौक में विकास के नाम पर बड़ी राशि खर्च होती है,लेकिन स्थानीय जनता को न तो काम की गुणवत्ता की जानकारी मिलती है, न ही खर्च का पारदर्शी रिकॉर्ड। जनहित में सत्य सामने आना आवश्यक है। यदि सब कुछ सही है तो प्रशासन को जानकारी देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। सूचना के अधिकार कानून की यही विशेषता है कि जनता अपने धन के उपयोग की जानकारी सीधे शासन से मांग सकती है। इस आवेदन को क्षेत्र में पारदर्शिता व जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।अब देखना यह होगा कि नगर पंचायत तथा जिला प्रशासन निर्धारित समय सीमा के भीतर मांगी गई सूचनाएँ उपलब्ध कराता है या नहीं। आवेदक का कहना है कि अगर नगर पंचायत चौक सूचना नहीं देता है तो उसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल होगा।
नगर पंचायत चौक में खर्च की गई राशि पर उठे सवाल, आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी
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