अपनी ही बच्ची से मिलने से रोका
आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
मीडिया को देश का चौथा स्तंभ कहा जाता है क्योंकि वह जमीन पर उतरकर सच को उजागर कर प्रशासन और शासन को आमजनमानस की समस्याओं से अवगत कराता है। यदि ऐसे में मीडिया पर ही सवाल उठने लगे तो, यह पत्रकारिता के लिए गंभीर विषय है।सूत्रों की माने तो सिधारी थाने में नरौली के रहने वाले डॉक्टर अशोक सिंह पुत्र राजदेव सिंह ने, तहरीर देकर तथाकथित महिला संगठन व कुछ तथाकथित पत्रकारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए 34, 323, 504, 308, 392, 452 धारा के तहत मुकदमा दर्ज कराया। डॉक्टर अशोक सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि 20 मार्च दिन सोमवार को दोपहर के समय आकांक्षा, पूनम शर्मा व 7-8 अज्ञात महिला और पुरुष धारदार हथियार लेकर हमला करने की नियत से अपशब्दों का प्रयोग करने लगे, पीड़ित ने जब इसका विरोध किया तो हाथापाई कर गले की चैन और रोलेक्स घड़ी छीन लिया और चेतावनी देते हुए चले गए। वही दूसरा पक्ष आकांक्षा सिंह पत्नी स्वर्गीय मनीष सिंह समेदा की मूल निवासी है, जिन्होंने 20 मार्च को ससुराल पक्ष पर मानसिक उत्पीड़न व अपनी ही 5 साल की बच्ची से अलग करने का आरोप लगाते हुए, आला अधिकारियों को पत्रक सौंप कर न्याय की गुहार लगाई थी। आकांक्षा का कहना है की जब वह अपनी ही बच्ची से मिलने का प्रयास किया तो उसे मारा पीटा गया। मेरे व मेरे समर्थन मे गई महिलाओ व पत्रकारों पर किया गया मुकदमा राजनीतिक दबाव व द्वेष की भावना से की गई कार्यवाही है, ताकि मैं अपनी ही बच्ची से न मिल सकू और मुझे न्याय न मिल सके। मुझे प्रशासन की कार्यवाही व न्याय पर पूर्ण विश्वास है। वही पुलिस प्रशासन का कहना है की दोनो पक्षों की विवेचना की जा रही है, जो भी दोषी पाया जायेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है की न्याय की दहलीज तक कौन पहुंचता है।
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