Thursday, December 25, 2025
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पं. के.डी. त्रिपाठी ने ग्रामीण अंचल में जलाई शिक्षा की लौ

कृषक इण्टर कालेज का किया था स्थापना

सामाजिक सेवा व शैक्षणिक दायित्यों का जीवन पर्यंत निर्वहन करते हुए 13 नवम्बर को दुनिया से हुए विदा

देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। पण्डित कृष्ण देव त्रिपाठी का जन्म 28 जनवरी 1938 को जनपद के रामपुर कारखाना ब्लाक के विशुनपुर कलां में स्व. चन्द्र‌भानु त्रिपाठी के द्वितीय पुत्र के रूप में हुआ। स्व. चन्द्रभानु त्रिपाठी काशी में संस्कृत महाविद्यालय में आचार्य के रूप में शिक्षण कार्य करते थे । के.डी. त्रिपाठी की प्राथमिक शिक्षा काशी में अपने पिता के सानिध्य में हुई। उन्होंने अपनी हाईस्कूल की शिक्षा राजकीय विद्यालय देवरिया से पूर्ण करने के वाद इण्टरमीजिएट की शिक्षा क्वीन्स इण्टर कालेज वाराणसी से उत्तीर्ण की, स्नातक एव स्नातकोत्तर की शिक्षा विश्व‌विद्यालय से पूर्ण करने के बाद 15 अगस्त 1965 को ग्रामीण अंचल में अपने गाँव मे ही शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु कृषक कालेज विशुनपुर कलां की स्थापना की। वह स्थापना से लेकर 30 जून 2001 तक संस्थापक प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत रहें । अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के कई वर्षों तक जिलाध्यक्ष, मण्डलीय मंत्री के रूप कार्यरत रहें तो माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष के रुप में भी शिक्षक राजनीति में सक्रिय रहें I जिन्होंने नागरी प्रचारणी सभा देवरिया के आजीवन सदस्य एवं महत्वपूर्ण पदों पर अपना योगदान देते हुए, पूर्वाचल कुष्ठ सेवाश्रम देवरिया के भी अध्यक्ष रहें व पूर्वान्चल के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहें । शिक्षा जगत के इस महान विभूती ने सामाजिक सेवा व शैक्षणिक दायित्यों का जीवन पर्यंत निर्वहन करते हुए विगत 13 नवम्बर को दुनिया को अलबिदा कह दिया I पण्डित के.डी. त्रिपाठी अपने पीछे एक भरापूरा परिवार छोड़ गये है, जिनके ज्येष्ठ पुत्र हरिहर त्रिपाठी ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए शिक्षण संस्था से जुड़कर समाज सेवा का बीड़ा उठाया है तो वहीँ छोटे पुत्र सत्यव्रत त्रिपाठी बतौर जिला कार्यक्रम अधिकारी (एनआरएचएम) जौनपुर में कार्यरत हैं ।

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