महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। जिले में आम जनता की परेशानियाँ दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं, लेकिन प्रशासन की चुप्पी ने लोगों के आक्रोश को और गहरा कर दिया है। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, साफ-सफाई और स्थानीय विकास कार्यों में लगातार बिगड़ती स्थिति ने लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त कर दी है। शिकायतों की लंबी सूची प्रशासन के पास पहुंच रही है, लेकिन समाधान का कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।शहरी क्षेत्रों में जाम, गंदगी और टूटी सड़कों की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। वहीं ग्रामीण इलाकों में हैंडपंपों के खराब होने, बिजली कटौती, नालियों की सफाई न होने और स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से इन समस्याओं को लेकर लोग अधिकारियों से बार–बार संपर्क कर रहे हैं, परंतु जवाब में केवल आश्वासन मिलता है, कार्रवाई नहीं।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि प्रशासन का मौन रवैया सबसे अधिक परेशान कर रहा है। विभागों के दफ्तरों में शिकायतें तो दर्ज हो जाती हैं, लेकिन समाधान की फाइलें आगे बढ़ती ही नहीं। परिणामस्वरूप एक छोटी समस्या समय के साथ बड़ी परेशानी में बदल जाती है, जिसका प्रभाव सीधे जनता की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता अब जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही है। यदि समस्याओं पर तुरंत कार्यवाही नहीं की गई तो अगले दिनों में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नाराजगी खुलकर सामने आ सकती है। स्थानीय संगठनों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि सभी विभागों को सक्रिय किया जाए और लंबित समस्याओं के समाधान के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।जनता एक ही बात पर अडिग है—
चुप्पी नहीं, जवाबदेही चाहिए, समस्या नहीं, समाधान चाहिए।
