
अरहर दाल 170 मंसूर 80 प्याज 40 टमाटर 80 सरसो तेल 130 फार्चुन 140
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
दाल टमाटर प्याज के दाम आसमान छूता जा रहा हैं। सिलेंडर के दामों में 200 कटौती कर आम जनमानस को राहत पहुंचाने का कोशिश कर आम जनमानस को मरहम लगाने का काम किया जा रहा हैं, जो की सरकार की देन है कि, सिलेंडर का दाम प्रति महीने धीरे-धीरे कर के बढ़ोतरी करते हुए 1165 रुपए तक पहुंचा दिया था अब फिर 200 रुपए प्रति सिलेंडर का दाम कटौती कर आम जनमानस को पॉलिश लगाने का काम किया गया। कोविड-19 के दौरान ऑटो रिक्शा सहित अन्य वाहनो का किराया वाहन मालिकों द्वारा चरम पर पहुंचा दिया गया, कॉविड-19 के दौरान एक वाहन में दो सवारी से अधिक नहीं बैठने का निर्देश था अब एक वाहन में 10 से 12 लोगों को बैठाया जा रहा हैं लेकिन किराया पूर्व की भांति वसूला जा रहा हैं, इसका संज्ञान किसी के द्वारा नहीं लिया मनमौजी तरीके से यात्रियों से किराया वसूला जा रहा है। अरहर की दाल की कीमत 170 रुपए पहुंच गया मिडिल क्लास के थाली में केवल दाल का पानी पहुंच रहा हैं राजनीतिक पार्टिया अपने-अपने वोट के जुगाड़ में लगे हुए हैं की किस जात का वोट कैसे अपने पार्टी के पक्ष में किया जा सके, लेकिन गरीब, मिडिल क्लास पर बेरोजगारी की मार भारी पड़ रही हैं महंगाई की दोहरी मार। ‘बहुत हुई महंगाई की मार’ का नारा देकर सत्ता में आई सरकार महंगाई पर कोई लगाम क्यों नहीं लगा पा रही? रसोई गैस के बढ़ते दाम से घर का खर्च चलाना मुश्किल कर दिया है, सरकार ने अभी हाल ही में 200 प्रति सिलेंडर के दाम कटौती कर पालिश लगाने का काम किया ।सोचिए, अगर मिडिल क्लॉस का ये हाल है तो गरीबों का इस कमरतोड़ महंगाई में क्या हो रहा होगा।
देश तो कोरोना से उबर गया लेकिन महंगाई और बेरोजगारी आम आदमी को जीने नहीं दे रही, सरकार ने गैस सिलेंडर के दामों में 200 रुपए प्रति सिलेंडर की कमी कर आम जनमानस को राहत देने का प्रयास किया लेकिन यह ना काफी है। वही गोरखपुर जनपद में लहसुन 140, दाल अरहर 170, मसूर 80 चना दाल 70 मटर 65 चना 70 फारचून 140 सरसो तेल 130 टमाटर 80 प्याज 40 आलू 20 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं जो की मिडिल क्लास व आम जनमानस के बस की बात नहीं, कि इस महंगाई की मार को झेल पाए। सरकार को चाहिए कि फ्री में राशन देना बंद करें और महंगाई पर पूर्ण रूप से लगाम लगाए। देश का मिडिल क्लास ईमानदारी से टैक्स भरता है, बिजली का बिल भरता है, आपदा में मदद के लिए भी आगे आता है, लेकिन सरकार से मिडिल क्लॉस को न तो कोई सब्सिडी मिलती है न कोई राहत पैकेज और मिडिल क्लास को ये चाहिए भी नहीं क्योंकि अपनी मेहनत से, आत्मसम्मान से जीने वाला मिडिल क्लास व आम जनता सिर्फ यही चाहती है कि महंगाई से राहत मिले।
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