
मास्को/टोक्यो (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में मंगलवार को स्थानीय समयानुसार भोर में 8.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिससे धरती बुरी तरह हिल गई। इस शक्तिशाली झटके के बाद रूस और जापान में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। तटीय इलाकों में समुद्र का जलस्तर बढ़ता देखा गया है और कुछ क्षेत्रों में सुनामी लहरें भी दस्तक दे चुकी हैं।
1952 के बाद सबसे शक्तिशाली भूकंप
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, यह 1952 के बाद कामचटका में आया अब तक का सबसे तीव्र भूकंप है। उल्लेखनीय है कि 4 नवंबर 1952 को 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें भयंकर तबाही हुई थी और हजारों लोगों को जान-माल का नुकसान हुआ था।
समुद्र में उत्पन्न हुआ केंद्र
इस बार का भूकंप भी समुद्र की सतह के नीचे उत्पन्न हुआ है, जिससे सुनामी का खतरा कई गुना बढ़ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप का केंद्र कामचटका प्रायद्वीप के तट से कुछ किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर के अंदर स्थित था।
जापान और रूस में हाई अलर्ट
रूस की आपात सेवा एजेंसियों ने तटीय इलाकों में रह रहे नागरिकों से सुरक्षित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुंचने की अपील की है। जापान के होंशु द्वीप और होक्काइडो क्षेत्र में भी सुनामी अलर्ट जारी किया गया है। कुछ स्थानों पर समुद्र का पानी तट के अंदर घुसता देखा गया है।
जुलाई में भी आए थे भूकंप
इससे पहले जुलाई माह में भी कामचटका के पास समुद्र में पांच भूकंप दर्ज किए गए थे, जिनमें सबसे तीव्र झटका 7.4 तीव्रता का था। उस समय भी हल्का अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन मौजूदा भूकंप की तीव्रता और प्रभाव कहीं अधिक घातक माना जा रहा है।
प्रशासन और राहत एजेंसियां सक्रिय
रूसी सरकार और आपदा राहत टीमें तुरंत सक्रिय हो गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और संचार सेवाएं बाधित होने की खबर है। कई स्थानों पर इमारतों में दरारें और सड़कों पर दरारें देखी गई हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर और नावें तैनात कर दी गई हैं।
भूकंप के बाद अक्सर आफ्टर शॉक्स यानी झटके आते हैं। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें।
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