बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। रेवती कस्बे में बीते नागपंचमी के अवसर पर निकाले गए महावीरी झंडा जुलूस में तेज आवाज वाले डीजे कंपटीशन पर अब पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। पहली बार रेवती पुलिस ने कानूनी अधिकारों का प्रयोग करते हुए चार डीजे संचालकों समेत 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। थाने के एसआई आशुतोष मद्धेशिया की तहरीर पर यह कार्रवाई की गई है। दर्ज मुकदमे में डीजे संचालक रेवती कस्बा निवासी मनीष चौरसिया (अखाड़ा एक), टाण्डा (अंबेडकरनगर) निवासी राघव टंडन (अखाड़ा दो), रेवती निवासी गुप्तेश साहनी (अखाड़ा तीन) और परिखरा, बांसडीह रोड निवासी आशीष वर्मा (अखाड़ा चार) के नाम शामिल हैं। इनके खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 15 और भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 223 व 270 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि पीकअप गाड़ियों पर मानक से अधिक तेज साउंड, डीजे यूनिट और भारी मशीनों के उपयोग से न केवल सार्वजनिक शांति भंग हुई, बल्कि बीमार, वृद्ध और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
हालांकि, अभी तक न तो किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई है और न ही कोई डीजे मशीन जब्त की गई है। एसओ संजय मिश्र ने बताया कि इस मामले में पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति को रोका जा सके। पुराना दर्द फिर हुआ ताजा बीते डेढ़ दशक में तेज डीजे की वजह से एक सिपाही की ड्यूटी के दौरान हृदयगति रुकने से मौत हो चुकी है, जबकि एक अन्य सिपाही बेहोश हो गया था। ताजिया, महावीरी झंडा और प्रतिमा विसर्जन जुलूसों के दौरान जब डीजे के शोर के साथ जुलूस निकलते हैं, तो बीमार और बुजुर्ग लोग घरों में सहम जाते हैं। जिस स्थान पर डीजे रुकते हैं, वहां की स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
पुलिसकर्मी भी लोगों के जुनून और भीड़ के दबाव में विवश होकर ड्यूटी निभाने को मजबूर हो जाते हैं। अब देखना यह है कि पुलिस की यह पहल डीजे के अराजक शोर पर अंकुश लगाने में कितनी प्रभावी सिद्ध होती है।
रेवती में डीजे कंपटीशन पर पुलिस की सख्ती, चार डीजे संचालकों समेत 15 अज्ञात पर मुकदमा
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