
कवि अवधकिशोर अवधू के माता स्व. शामकली देवी की श्रद्धांजलि सभा
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
जनपद के तमकुही तहसील अंतर्गत गांव रकवा वरवा में बीते रात कवि अवधकिशोर अवधू के माता स्व.शामकली देवी के ब्रह्मभोज व श्रद्धांजलि सभा के अवसर पर भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।दूर -दूर से आये कवियों ने अपनी रचनाए प्रेषित कर खूब बाह बही बटोरी।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्व.शामकली देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।देवरिया से आये हास्य कवि बादशाह प्रेमी ने अपनी रचना माई के याद भुलाई कहा,,से शुरुआत किया। कवि महेशपुरी ने अपनी रचना केहू नइखे दुनिया मे माई के तरे,काहे तू सतावेल कसाई के तरे।सुनाई तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। कवि विनय कुशवाहा ने अपनी रचना मेरा टूटा हुआ चश्मा अगर बनवा दिया होता,तो मैं अच्छा शगुन अच्छा महूरत देख सकती थी।कवि संतोष संगम ने जन्म जिसने दिया विधाता है,उनसे जन्मों जनम का नाता है।सुनाकर लोगो को भाव विभोर कर दिये। कवि चलबुल ने अपनी चुलबुली रचना से सबको ओत प्रोत किया।कार्यक्रम के आयोजक अवधकिशोर अवधू ने सबका आभार व्यक्त करते हुवे अपनी माँ पर लिखी रचना सुनाई तो सबकी आँखे डबडबा गयी।इस कार्यक्रम में हीरो धर्मेंद्र खरवार ने अपनी सुन्दर प्रस्तुति से सबका दिल जीते।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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