नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर हुए हमले को “निंदनीय कृत्य” कहा और इसे हर भारतीय के लिए अपमान बताया। उन्होंने न्यायमूर्ति गवई से बात की और कहा कि ऐसा आचरण हमारे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।
घटना सुबह हुई जब 71 वर्षीय अधिवक्ता राकेश किशोर ने सीजेआई की कक्ष में जूता फेंकने का प्रयास किया। सौभाग्य से, चीफ जस्टिस गवई शांत और संयमित रहे — उन्होंने उपस्थित सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों से इस घटना को नजरअंदाज करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम विचलित न हों — इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता।”
इस घटना के पश्चात्, भारतीय विधिज्ञ परिषद (BCI) ने दोषी अधिवक्ता का वकालत लाइसेंस तुंरत निलंबित कर दिया। पुलिस को आरोपी के कब्जे से एक पर्चा मिला जिस पर लिखा था, “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान”. अदालत कक्ष में हुई इस अभूतपूर्व घटना के बावजूद, प्रधान न्यायाधीश ने शांतिपूर्वक निर्देश दिया कि दोषी को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर कहा: “हमारे समाज में ऐसे अभद्र और असंवैधानिक कृत्यों की कोई जगह नहीं है। मैं न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य और संविधान व न्याय के मूल्यों की प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूँ।”