जोहान्सबर्ग/दक्षिण अफ्रीका (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वैश्विक मंच पर छाए रहे। उन्होंने कई विश्व नेताओं के साथ गर्मजोशी से मुलाकात की, जिसमें ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा के साथ भावनात्मक आलिंगन और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ खुलकर हंसी-मजाक करना शामिल है।
नेताओं से गर्मजोशी भरी मुलाकातें
जोहान्सबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का स्वागत दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने हाथ जोड़कर किया।
- इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी पीएम मोदी को हाथ जोड़कर नमस्ते कहा। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच हंसी-मजाक का माहौल देखने को मिला, जिसका वीडियो भी सामने आया है। दोनों नेताओं ने भारत और इटली के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बल दिया।
- ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा: पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा से गर्मजोशी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया, जहां सिल्वा पीएम मोदी की पीठ थपथपाते नजर आए।
- यूएई के राष्ट्रपति: यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी पीएम मोदी ने गले लगकर मुलाकात की।
पीएम मोदी ने जी-20 समिट के सत्र को संबोधित भी किया।
भारत-इटली संबंधों पर गहन चर्चा
पीएम मोदी और इटली की पीएम मेलोनी की मुलाकात बेहद सकारात्मक रही। दोनों नेताओं ने सुरक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा से जुड़े महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, यूक्रेन संकट, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक व्यापार के मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
यह पहली बार नहीं है जब दोनों नेताओं ने मुलाकात की है; इससे पहले जून 2025 में कनाडा के कनानास्किस में आयोजित 51वें जी7 समिट के दौरान भी वे मिले थे।
मेलोनी की ऑटोबायोग्राफी पर PM मोदी की राय
पीएम मोदी ने सितंबर में मेलोनी को एक असाधारण राजनेता बताया था और उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘आई एम जॉर्जिया’ को ‘मन की बात’ या ‘दिल से निकले विचार’ कहा था। इस किताब की प्रस्तावना में पीएम मोदी ने साझा सांस्कृतिक विरासत, समुदाय की शक्ति और नारीत्व के उत्सव पर आधारित भारत-इटली के मजबूत संबंधों पर प्रकाश डाला था।
अनुपस्थित रहे प्रमुख नेता
इस जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अनुपस्थित रहे। इन प्रमुख वैश्विक शक्तियों की गैरमौजूदगी में भारत और पीएम मोदी सम्मेलन के मुख्य चेहरों में से एक बने रहे।
भारत के लिए क्यों अहम है यह G20 समिट?
यह जी-20 सम्मेलन भारत के लिए बेहद खास है क्योंकि:
- अफ्रीका को सदस्यता: साल 2023 में भारत की अध्यक्षता में ही अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाया गया था।
- पहला आयोजन: यह पहली बार है, जब अफ्रीका महाद्वीप में जी-20 समिट का आयोजन हो रहा है।
- नेतृत्व की भूमिका: अमेरिका, रूस और चीन की अनुपस्थिति में भारत वैश्विक मंच पर अपनी प्रमुख और प्रभावशाली भूमिका को और मजबूत कर रहा है।
