July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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बहुत काम की है फिजियोथेरेपी

गोविन्द मौर्य

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।आजकल फिजियोथैरेपी नाम बहुत चर्चा में है और ऐसा हो भी क्यों ना, जहां बहुत से डॉक्टरों की दवाइयां काम करना बंद कर दे रही है वहां लोग फिजियोथेरेपी के सहारे अच्छा महसूस कर रहे हैं और दवाइयों की अपेक्षा में फिजियोथैरेपी काफी सस्ता उपचार है,पुराने दर्द,दिल,दिमाग और स्पोर्ट्स इंजरी,लकवा, सर्वाइकल जैसे तमाम गंभीर रोगों में फिजियोथैरेपी काफी कारगर सिद्ध हो रही है,इसमें सबसे बड़ी बात यह है की दवा और सर्जरी के बिना व्यायाम और मशीनों के सहारे फिजियोथैरेपी काफी आराम देह है।

गंभीर चोट से उबरना हो या सर्जरी के बाद दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हों या फिर गंभीर बीमारियों के कारण शारीरिक गतिविधियां रुक गई हों कम हो गई हों तो फिजियोथैरेपी इन सभी परिस्थितियों से बाहर आने में आपकी सहायता करता है। अमेरिकन फिजियो फिजिकल थेरेपी संगठन के अनुसार मस्क्यूलोस्केलेटल समस्याओं के साथ-साथ विभिन्न न्यूरोलॉजिकल समस्याओं में भी फिजियोथैरेपी कारगर है, फिजियोथेरेपी से इन सब में काफी तेजी से सुधार होता है और दर्द से राहत मिलती है, जिससे जीवन जीने की जीने में सुगमता होती है। नेशनल लाइब्रेरी आफ मेडिसिन के अनुसार फिजियोथैरेपी दावों पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ दर्द से बचने का एक चिकित्सीय विकल्प है। अक्सर लोग सोचते हैं कि दो-चार मशीन और कुछ कसरतें ही फिजियोथैरेपी होती हैं लेकिन ऐसा नहीं है,फिजियोथैरेपी में शरीर की मांसपेशियों, जोड़ो हड्डियों, नसों की परेशानियों को वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक मशीनों व लेजर तकनीक का प्रयोग कर ठीक करने का प्रयास किया जाता है,यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबके लिए कारगर है और सबसे बड़ी बात इसकी इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।

शरीर के भिन्न-भिन्न समस्याओं के लिए विशेषज्ञ फिजियोथैरेपिस्ट होते हैं,निष्क्रिय जीवन शैली, गलत ढंग से बैठना,चलना,लेटना,पेशेवर तनाव,खानपान की गलत आदतों व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के बढ़ते चलन जैसे मोबाइल को सर झुका कर चलाने जैसे कारणों से सभी उम्र खासकर युवाओं को भी कई समस्याएं हो रही हैं,साइटिका, फ्रोजन,शोल्डर,कमर के निचले हिस्से में दर्द होना,जोड़ों में दर्द,गर्दन दर्द,मांसपेशियों में तनाव और खिंचाव,हाथों-पैरों में सुन्नपन, हाथों-पैरों में झनझनाहट होना,सोने में बैठने में परेशानी होना जैसे सर्वाइकल आदि समस्या को फिजियोथैरेपी के माध्यम से ठीक किया जाता है व सर्जरी से बचा जा सकता है।

फिजियोथेरेपी से लाभ

दर्द में लाभ,सर्जरी से बचाव, लचीलापन और सक्रियता में सुधार,इंजरी और ट्रॉमा में,लकवा और स्टॉक में जल्दी सुधार,शरीर का संतुलन सही करना,उम्र के साथ होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं में भी लाभ होता है।

स्पोर्ट्स इंजरी में लाभ

अक्सर खेल के दौरान लोग चोटिल हो जाते हैं और उसके वजह से कई समस्या उत्पन्न हो जाती हैं जिसे फिजियोथैरेपी की मदद से उन समस्याओं को गंभीर रूप लेने से पहले ही ठीक करना, दर्द में राहत देना व क्षतिग्रस्त भाग को मजबूत करना और उसमें सुधार लाने में मदद मिलती है,बहुत से मामलों में सर्जरी करने से लोग बच जाते हैं सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है।

दर्द से राहत

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन डीसी के अनुसार फिजियोथैरेपी दर्द से छुटकारा लेने में पेन किलर्स जैसी दावों जितनी ही प्रभावशाली होती है, फिजियोथेरेपी के कुछ सेशंस से स्पॉन्डिलाइटिस,सर्वाइकल, फ्रोजन,शोल्डर दर्द,कमर दर्द,साइटिका आदि में बहुत ही आराम मिलता है।

न्यूरोलॉजिकल समस्याएं

तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं जैसे स्ट्रोक,मल्टीपल स्क्लेटेसिस,पार्किसंस डिजीज और स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट में भी फिजियोथेरेपी से काफी आराम मिलता है।स्ट्रोक के मरीजों को फिजियोथेरेपी ठीक करके सामान्य जीवन जीने में काफी मदद देता है।

हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्याएं

हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्याओं जैसे जोड़ों में दर्द,सूजन, कमजोरी और कड़ापन जैसे लक्षण कई तरह के गाठिया रोग में होते हैं,अर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी से दर्द में काफी आराम मिलता है जोड़ों में विकृति रोकने में भी फिजियोथैरेपी काफी मदद करता है मजबूती और लचीलापन तथा संतुलन लाता है।

पोस्ट सर्जरी से रिकवरी में

पोस्ट सर्जरी से रिकवरी में,घुटना प्रत्यारोपण,हिप रिप्लेसमेंट व स्ट्रोक की स्थिति में सर्जरी के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने के लिए फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है,कई बार थेरेपी काफी लंबी समय तक चलती है ऐसे में मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ता है और धैर्य बनाए रखना पड़ता है, फिजियोथेरेपी के कुछ सेशंस के बाद मरीज व्यायाम व उपकरणों की मदद से स्वयं उपचार करने में सक्षम हो जाता है।

बढ़ती उम्र में से जुड़ी समस्याएं

फिजियोथेरेपी से बुजुर्गों की कई समस्याओं को ठीक किया जाता है व उनके चलने फिरने,बैठने उठने के संतुलन को प्रभावित करने वाले रोगों से भी लाभ दिया जाता है,जैसे गठिया, अल्जाइमर, जोड़ बदलवाना,पेशाब पर नियंत्रण न रहना आदि ऐसी समस्याएं होती हैं जिससे उनका जीवन जीने की इच्छाएं भी कम होने लगती हैं
उसमें भी फिजियोथैरेपी की मदद से काफी बेहतर आराम मिलता है व मरीज की जीवन जीने की इच्छा भी बढ़ जाती है व सामान्य जीवन जीने लगता है।

इन बातों का विशेष रखें ध्यान

फिजियोथैरेपी करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि आप जहां फिजियोथैरेपी कराने जा रहे हैं उनके पास जरूरी उपकरण हो व सूक्ष्म व्यायाम करने के लिए भी वे तैयार रहें, आप पूरी गंभीरता के साथ अपनी सभी समस्याएं फिजियोथैरेपिस्ट के साथ शेयर करें वह उनकी बताएं बातों का पालन करें,जल्दी बाजी ना करें,अगर एक्सरसाइज करते समय दर्द या परेशानी हो तो खुलकर बताएं,फिजियोथैरेपी का जो भी कोर्स हो उसे पूरा करें ना की बीच में ही छोड़ दें,कई मामलों में ऐसा होता है कि दर्द से आराम मिलते ही लोग फिजियोथैरेपी का पूरा कोर्स कराए बिना है छोड़ देते हैं जिससे उनको दुबारा पुरानी बीमारी में फंसने का डर बना रहता है।अक्सर फिजियोथैरेपी में लाभप्रद परिणाम तुरंत मिल जाते हैं तो कभी-कभी किसी मामलों में थोड़ी देर भी लग सकती है,ऐसे में मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार रहेंडॉo अब्दुल कादिर अंसारी न्यूरो फिजियोथेरेपिस्ट (MPT NEURO ) प्रधानाचार्य इशिता कालेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज,वाराणसी एवम देवरिया फिजियो क्लिनिक,न्यू कॉलोनी देवरिया