June 16, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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अंधेरे की काली साया में जी रहे लोग,विधायक की पहल बेअसर

सरकार की विद्युतीकरण योजना बनी मजाक

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। राज्य और केंद्र सरकार जहां हर घर बिजली देने की बात कर रही हैं,वहीं नौतनवां नगर पालिका के वार्ड नंबर 21 राजेन्द्र नगर, नई बस्ती, वार्ड नंबर 3 हमीद नगर और वार्ड नंबर 9 उस्मान नगर के सैकड़ों परिवार आज भी बिजली के बिना अंधेरे की काली साया में जीवन बिता रहे हैं। गर्मी का प्रकोप चरम पर है और बिजली की अनुपलब्धता ने स्थिति और भी भयावह बना दी है। इन इलाकों के निवासियों ने बताया कि उन्होंने बार-बार नगर पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, मगर हर बार बजट की कमी का बहाना बना कर टाल दिया गया।
स्थानीय निवासी नागेन्द्र यादव, मुहम्मद आशिफ, राकेश शर्मा, कन्हैया मिश्रा, चन्द्रावती सिंह, शान्ती, अखण्ड यादव, गीता, संतोष शर्मा, सुशीला, राजू गौड़, विक्रम, रेनू सिंह, उषा राय, जीवन प्रसाद, समीउल्लाह, अजीउल्लाह, सुधीर भारती, सुनील शर्मा और केदार नाथ वर्मा सहित अन्य लोगों ने बताया कि वे मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी, नाली और सड़क से भी वंचित हैं।विधायक की चिट्ठी भी हवा में उड़ गई
यह मामला तब और गंभीर हो गया जब 18 मार्च 2025 को विधायक ऋषि त्रिपाठी को इन वार्डों की दुर्दशा की जानकारी मिली। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए विद्युत वितरण मंडल, महराजगंज के अधीक्षण अभियंता को अपने लेटर पैड पर पत्र भेजा और लिखा कि सम्बंधित विद्युत विभाग अपने स्तर से तत्काल सर्वे कराकर विभागीय योजना के अंतर्गत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें। नगर वासियों को बिजली मिले और कृत कार्रवाई से अवगत कराया जाए।लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस पत्र के तीन महीने बीत जाने के बाद भी न तो सर्वे हुआ और न ही कोई कार्यवाही, जिससे साफ होता है कि विधायक के निर्देशों को भी विभाग दरकिनार कर चुका है।
अब सवाल यह उठता है कि जब एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि की बात को ही नजरअंदाज कर दिया जा रहा है, तो आम जनता की कौन सुनेगा? बिजली न होने से न सिर्फ गर्मी और अंधेरे की समस्या है, बल्कि बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा जैसे बुनियादी अधिकारों पर भी असर पड़ रहा है।क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि तत्काल विद्युत विभाग द्वारा सर्वे कराया जाए। सभी वार्डों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।नगर पालिका मूलभूत सुविधाएं सड़क, पानी, नाली प्रदान करे।विभागीय लापरवाही पर उच्च स्तरीय जांच हो।सरकार के दावे तभी सार्थक होंगे जब अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति भी विकास की रोशनी देख सके। क्या नौतनवां के इन इलाकों के लोग भी कभी उजाले में सांस ले पायेंगे।