लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शुक्रवार देर रात एक गंभीर घटना हुई, जहां कानपुर निवासी फाइनेंस प्रोफेशनल अनूप पांडेय (46) की फ्लाइट का इंतजार करते समय तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।
परिजनों ने एयरपोर्ट अथॉरिटी पर यह आरोप लगाया है कि एयरपोर्ट में समय रहते चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होती तो अनूप की जान बच सकती थी। परिवार के अनुसार, फ्लाइट लगातार रद्द होने से वह तनाव में थे।
फ्लाइटें रद्द, यात्री परेशान
लखनऊ एयरपोर्ट पर कई दिनों से उड़ानों का संचालन बाधित है। रविवार को भी 33 उड़ानें निरस्त रहीं और एक फ्लाइट कोलकाता डायवर्ट करनी पड़ी। लगातार रद्द हो रही उड़ानों से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना कर रहा है।
• 740 टिकट यात्रियों ने कैंसिल करवाए
• होटल व टैक्सी पर अतिरिक्त खर्च की शिकायतें
• DGCA से तत्काल हस्तक्षेप की मांग तेज
बलरामपुर से आईं दो बहनें फ्लाइट रद्द होने पर रो पड़ीं, जबकि कई यात्री आगे की कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होने से परेशान दिखे। गोरखपुर निवासी कपिल यादव की अबूधाबी जाने वाली यात्रा बाधित हो गई, वहीं लखनऊ के अरविंद कुमार ने भी इंडिगो पर सूचना न देने का आरोप लगाया।
परिवार का दर्द: “अगर एयरपोर्ट पर इलाज होता तो बच जाते”
अनूप पांडेय कोकाकोला कंपनी में सेल्स जोनल हेड के पद पर कार्यरत थे और अपने परिवार के साथ बंगलूरू में रहते थे। रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने के बाद वह वापसी के लिए अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे थे। रात 9 बजे उन्होंने पत्नी से बात की थी, लेकिन रात 11 बजे परिवार को उनके निधन की सूचना मिली।
परिवार का कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने समय पर जानकारी देने और सीसीटीवी फुटेज साझा करने में भी सहयोग नहीं किया।
उनके भाई अनिल पांडे का कहना है—“एयरपोर्ट पर डॉक्टर या प्राथमिक इलाज उपलब्ध होता तो अनूप की जान बच सकती थी।”
अनूप के दो बच्चे हैं—17 वर्षीय बेटी श्रेया और हाईस्कूल में पढ़ने वाला बेटा पारस। पिता का शव देखकर परिवार बेहद दुखी हो गया।
