सादुल्लानगर/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)। जहां केंद्र और राज्य सरकारें ओवरलोडिंग पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कर रही हैं।लेकिन सादुल्लानगर मे जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। चाहे गन्नालदा ट्रक हो ट्राला या ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां हो या गिट्टी बालू मौरंग की गाड़ियां हो,सब के सब ओवरलोड ही आ रहे हैं
सवाल यह है कि आखिर कब तक आम लोग इन खतरों का सामना करते रहेंगे।
सड़क सुरक्षा के नियमों की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही के चलते ओवरलोड ट्रकों की समस्या बढ़ती जा रही है। यह न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित कर रहा है।बल्कि जान-माल का भी गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।”
“ये तस्वीरें उस खतरे को उजागर करती हैं।जो ओवरलोड ट्रकों के कारण रोजाना हमारी सड़कों पर दिखाई दे रहा है। ट्रक मालिक अतिरिक्त माल ढोकर मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
स्थानीय निवासी राधेश्याम, राजेंद्र कुमार,नसीम, राजेश कुमार व नंदकिशोर आदि लोगो का कहना है कि “हम हर दिन इन ओवरलोड ट्रकों,ट्रालो के कारण जाम में फंसते हैं। सड़कें टूट रही हैं, और दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। प्रशासन कुछ नहीं कर रहा।”
“ओवरलोडिंग का यह सिलसिला सड़कों की उम्र को कम कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार,सड़कें इतनी ज्यादा भार सहने के लिए नहीं बनीं, जिससे गड्ढे और दरारें पड़ रही है जब इस संबंध में एआरटीओ बलरामपुर को फोन किया गया तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।
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