
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)। जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मंगलवार को २८ लोगों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। इसमें दो विदेशी, दो स्थानीय लोग और अन्य पर्यटक हैं। इस हमले के बाद देश और दुनिया भर में आतंकियों के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। हमले में कानपुर के युवा कारोबारी शुभम की जान गई है। इसी साल १२ फरवरी को शुभम की शादी हुई थी। शुभम की पत्नी ने परिजनों को बताया कि कैसे चुन-चुन कर पर्यटकों को गोली मारी गई। हमले के बाद अपने गुस्से का इजहार करते हुए जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के प्रमुख और यूपी की कुंडा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने लोगों से कश्मीर में पर्यटन का बहिष्कार करने का आह्रवान किया है।राजा भैया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि कश्मीर में हिंदुओं को बहुत पहले ही मार दिया गया था। जो अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहे, वे आज भी अपने ही देश में शरणार्थी हैं। अब, मैं अपने साथी पर्यटक भाइयों और बहनों से कहना चाहूँगा: जब हम अपने बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में कश्मीर घुमाने ले जाते हैं, तो हम न केवल अपने परिवार की जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि आतंकवादी, अलगाववादी और जिहादी ताकतों को आर्थिक रूप से मजबूत भी करते हैं। अब, मैं अपने साथी पर्यटक भाइयों और बहनों से कहना चाहूँगा: जब हम अपने बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में कश्मीर घुमाने ले जाते हैं, तो हम न केवल अपने परिवार की जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि आतंकवादी, अलगाववादी और जिहादी ताकतों को आर्थिक रूप से मजबूत भी करते हैं। राजा भैया ने लिखा कि डल झील में नावों पर अपने परिवारों के साथ सेल्फी लेकर हम दुनिया को संदेश देते हैं कि कश्मीर शांतिपूर्ण है। लेकिन एक बार फिर, सच्चाई सबके सामने आ गई है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कश्मीर में लगभग हर कोई अलगाववादी मानसिकता रखता है – कुछ खुले तौर पर, अन्य अप्रत्यक्ष रूप से, आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वहां के राजनीतिक दल भी अपवाद नहीं हैं। कश्मीर जाकर और होटल, भोजन और खरीदारी पर खर्च करके, हम उनके तथाकथित जिहाद को मजबूत कर रहे हैं। बता दें कि यह वारदात मंगलवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई। आधुनिक हथियारों से लैस आतंकी पहलगाम से छह किलोमीटर दूर बैसरन पहुंचे। यह काफी ऊंचाई पर स्थित एक बड़ा घास का मैदान है, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े संगठन टीआरएफ ने ली है।
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