
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मेगा अनंता इवेंट जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत, कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त आयोजन कन्या जन्मोत्सव का केक काटकर मनाया गया तथा अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों हेतु महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
उक्त अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा आयोजन में प्रतिभाग कर महिलाओं को सम्मानित किया गया तथा महिलाओं को आगामी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हेतु, अग्रिम शुभकामनाएं प्रदान की गई। इस अवसर पर सम्मानित महिलाओं में अमीरुल परवीन, मीना राव, सकीना खातून, सुनैना देवी, प्रतिभा चौधरी, लक्ष्मी मित्र, बेबी देवी, सिंपल शुक्ला, वंदना गुप्ता, सुशीला भारती, रागिनी यादव, बबीता, रंजना गौड, दीपमाला, मंजू देवी, मोनिश पटेल व रिचा सिंह आदि प्रमुख थे।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी द्वारा इसे एक प्रतीकात्मक दिवस बताते हुए, कहा गया कि महिला सशक्तिकरण हेतु सदियों से लड़ी गई, लड़ाई के परिणाम स्वरूप आज के समय सकारात्मक पहलू के रूप में महिलाओं की स्थिति में काफी परिवर्तन आ चुका है।
आज के दिन महिलाओं को विकल्प मिलता है।
उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने कहा महिला सशक्तिकरण का मतलब है, कि महिलाओं के पास विकल्प हो उनके पास निर्णय लेने की क्षमता हो। सीडीओ ने महिलाओं के लिए ड्यूल बर्डन का उल्लेख करते हुए कहा कि, नौकरी में महिलाओं से पुरुष के बराबर कार्य अपेक्षित होता है, वही घर में महिलाओं से घरेलू कार्यों की भी अपेक्षा होती है । महिलाएं इसमें बेहतर सामंजस्य स्थापित करके आगे बढ़ती हैं।
सीडीओ ने कहा वर्तमान समय में सबसे बड़ा शस्त्र, शिक्षा और पढ़ाई, लिखाई को बताया तथा उपस्थित महिलाओं से अपील की कि बेटियों को जरूर पढ़ाये। शिक्षा वह ताकतवर शस्त्र है जिससे जिंदगी बदल जाती है। जनपद में बहुतायत महिला अधिकारियों का होना उन्होंने जनपद के लिए भाग्यशाली बताया।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी न्यायिक उपमा पाण्डेय ने बताया कि बेड़ियों को तोड़ने में काफी दूरियां महिलाओं ने तय कर ली है। आज महिलाओं को नेतृत्व करने का मौका मिला है। आज महिलाओं को मजबूती दी जा रही है, तो महिला संवर्ग अपनी विशेषताएं यथा सौम्यता, ममता को बरकरार रखते हुए आगे बढ़े। एक महिला 100 महिलाओं को जागरूक करे, खुद को सम्मान देना शुरू करें।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी कल्पना मिश्रा ने कहा कि आधी आबादी (महिला) जो पीछे छूट गई थी वे जागरूक हो। उन्होंने कहा की महिलाएं कार्य कम नहीं करती उनके कार्य का आकलन कम किया जाता है। पहले महिलाओं के कार्य का आकलन नहीं होता था इसलिए महिलाएं पीछे थी। उन्होनें कहा महिलाएं आर्थिक रूप से उन्नत बने, व समाज में आगे बढ़े। महिलाएं शैक्षिक दृष्टि से मजबूत बनेगी तो, आर्थिक रूप से संपन्न होंगी। उन्होंने कहा महिलाएं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा उठाएं और आगे बढ़े।
इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय कुमार ने महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि, महिलाएं शिक्षा का महत्व समझे। शिक्षा के बिना विकास नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं।
इस अवसर पर सहायक अध्यापिका रिचा सिंह ने भी उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए, बताया कि महिलाओं की आधी आबादी पूरी आबादी को पूरकता प्रदान करती है।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक जगदीश त्रिपाठी, उपायुक्त मनरेगा राकेश कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ0 राम जियावन मौर्य व सभी संबंधित विभागों से महिलाएं उपस्थित रहे।
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