
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) देश की नामी कृषि बीज उत्पादक कंपनी महिको के पास 21 अधिसूचित अनुसंधान किस्में हैं और 30 फसल प्रजातियों में 115 उत्पादों का उत्पादन होता है। महिको के भारत में छह अनुसंधान केंद्र हैं जो आणविक प्रजनन, अनुप्रयुक्त जीनोमिक्स, फसल परिवर्तन, पादप वायरस संपर्क, आणविक सूक्ष्म जीव विज्ञान , अजैविक तनाव सहिष्णुता और आणविक कीट विज्ञान पर केंद्रित हैं।
कंपनी का महाराष्ट्र में जालना के पास दावलवाड़ी में एक अनुसंधान और विकास केंद्र है, जिसमें 30 से अधिक फसल प्रजातियों में एक संकर प्रजनन कार्यक्रम चल रहा है। जालना में मुख्य अनुसंधान एवं विकास केंद्र के अलावा, महिको के देश भर में 3 अनुसंधान केंद्र और 18 अन्य स्थान कार्यालय हैं, जिनमें 150 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रमों में लगे हुए हैं। 2014 तक महिको 20 से अधिक देशों में मौजूद है, जिसके कार्यालय सिंगापुर, वियतनाम में हैं और हाल ही में उसने अफ्रीका की सबसे बड़ी कपास बीज कंपनी क्यूटन में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल कर ली है । महिको के पास भारत के भौगोलिक स्थिति के अनुसार बीज की बयवस्था है । कंपनी समय समय पर किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम करती रहती है इसी क्रम में कंपनी के अधिकारियो देवरिया स्थित नीलम मैरेज हाल में जिले के किसानों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमे जिले भर से किसानों ने हिस्सा लिया महिको ने अपने बीज उत्पाद 5477 धान बीज,त्रिभुवन धान बीज ,धनंजय गोल्ड धान बीज आदि के विषय में जानकारी दी और इन के पैदावार फसल के उत्पादन समय के विषय में बताया ।इस दौरान कंपनी के
रीजनल बिजनस मैनेजर विवेक कुमार पांडेय, गोरखपुर ट्रेटरी बिजनेस मैनेजर रमेश उपाध्याय,देवरिया में कार्यरत किसान सलाहकार सर्वेश पाण्डेय ,कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर शक्ति ट्रेडर्स देवरिया और 30 की संख्या में फुटकर बीज विक्रेता सैकड़ो की संख्या में किसान उपस्थित रहे ।
