सोमनाथ मिश्रा की रिपोर्ट
(राष्ट्र की परम्परा)
आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और इंटरनेट ने हमारे जीवन को जितना आसान बनाया है, उतना ही जोखिम भरा भी बना दिया है। ऑनलाइन गेमिंग की लत एक ऐसा ही गंभीर खतरा बनकर उभरी है, जो बच्चों से लेकर युवाओं और यहां तक कि वयस्कों को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है। शुरू में मनोरंजन के तौर पर शुरू होने वाला यह गेमिंग शौक धीरे-धीरे लत में बदल जाता है और व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से नुकसान पहुंचाता है।
क्या है ऑनलाइन गेमिंग की लत?
जब कोई व्यक्ति हर खाली समय में गेम खेलने लगे, दिन-रात उसका ध्यान सिर्फ मोबाइल या लैपटॉप पर रहने लगे, पढ़ाई-लिखाई, काम, रिश्ते और जिम्मेदारियां उससे पीछे छूटने लगें, तब समझ लीजिए कि वह ऑनलाइन गेमिंग की लत का शिकार हो चुका है। कई बार लोग खुद को इससे बाहर निकालने की कोशिश करते हैं, लेकिन असफल रहते हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव।
ऑनलाइन गेमिंग की अधिकता से कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जैसे
आंखों की रोशनी कमजोर होना।
सिरदर्द और नींद की कमी।
तनाव और चिड़चिड़ापन।
मोटापा और शारीरिक कमजोरी।
सामाजिक दूरी और अवसाद।
पढ़ाई और करियर पर नकारात्मक प्रभाव।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि समय रहते इस पर नियंत्रण न किया जाए, तो यह मानसिक रोग का रूप भी ले सकता है।
कैसे छुटकारा पाएं ऑनलाइन गेमिंग की लत से?
अगर आप या आपका कोई करीबी इस आदत से परेशान है, तो ये उपाय बेहद कारगर हो सकते हैं:
- समय सीमा तय करें – रोज़ाना एक तय समय से अधिक गेम न खेलें।
- नोटिफिकेशन बंद करें – गेम से जुड़े अलर्ट और रिमाइंडर हटाएं।
- खेल से दूरी बनाएं – मोबाइल से गेमिंग ऐप्स डिलीट कर दें।
- कोई नया शौक अपनाएं – जैसे किताबें पढ़ना, योग, जिम, खेलकूद या संगीत।
- परिवार और दोस्तों से जुड़ें – बातचीत और सामाजिक मेल-जोल बढ़ाएं।
- मोटिवेशन लें – जरूरत पड़े तो काउंसलर या मनोवैज्ञानिक की मदद लें।
थोड़े-थोड़े प्रयास और दृढ़ संकल्प से इस लत को छोड़ा जा सकता है।
माता-पिता के लिए जरूरी सलाह
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के स्क्रीन टाइम पर नजर रखें, उनके साथ समय बिताएं और उन्हें आउटडोर एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें। बच्चों को समझाना चाहिए कि गेम जिंदगी नहीं है, बल्कि जिंदगी में गेम केवल एक छोटा सा हिस्सा है।
ऑनलाइन गेमिंग की लत केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक गंभीर समस्या है जो धीरे-धीरे व्यक्ति की पूरी जिंदगी को प्रभावित कर सकती है। सही समय पर उठाया गया कदम ही इसे रोका जा सकता है। अगर हम खुद और अपने अपनों के भविष्य को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आज ही इस पर नियंत्रण जरूरी है।
