दस्त रोग से बचाव को शुरू हुआ सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) जनपद में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त रोग की रोकथाम के लिए सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के साथ ही एक कदम सुपोषण की ओर अभियान की शुरुआत की गयी । कार्यक्रम के तहत पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त रोग का प्रबंधन व उपचार ओआरएस व जिंक की गोली से किया जाएगा । वहीं एक कदम सुपोषण की ओर अभियान में गर्भवती धात्री व कुपोषित बच्चों को आयरन व मल्टीविटामिन दवाएं दी जाएंगी । सीएमओ सभागार में आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि दस्त रोग का प्रमुख कारण पेयजल, स्वच्छता व शौचालय का अभाव पांच वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना है। इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में लगभग 5-7 प्रतिशत मृत्यु दस्त के कारण होती है। प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 16 हजार बच्चे दस्त के कारण काल के गाल में समा जाते हैं। दस्त रोग का उपचार ओआरएस व जिंक की गोली से कर बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। इसके लिए जनपद में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े की शुरुआत की गयी है । पखवाड़े के दौरान आशा कार्यकर्ता पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एक पैकेट प्रति बच्चा ओआरएस पैकेट वितरित करेंगी । वहीं दस्त रोग से ग्रसित बच्चों को ओआरएस के दो पैकेट व जिंक की 14 गोलीय दी जाएंगी । साथ ही गंभीर बच्चों को उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाएगा । यह पखवाड़ा 22 जून तक मनाया जाएगा ।जिला स्वास्थ्य सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों में दस्त रोग होने की संभावना अधिक हो सकती है । बार बार दस्त रोग होने के कारण बच्चे कुपोषित हो सकते हैं । ऐसे में दस्त रोग की रोकथाम के लिए अभियान के दौरान कुपोषित बच्चों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा । अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी रेफर किया जाएगा ।
नोडल अधिकारी वी एसीएमओ डा० राजेश कुमार ने बताया कि एक कदम सुपोषण की ओर अभियान के तहत प्रत्येक गर्भवती व धात्री को फोलिक एसिड, आयरन फॉलिक एसिड, कैल्शियम एवं एल्बेन्डाजॉल एवं प्रत्येक सैम बच्चों तक अमोक्सीसीलीन, फॉलिक एसिड, आई.एफ.ए सीरप, एल्बेन्डाजॉल, विटामिन-ए एवं मल्टीविटामिन की उपलब्धता व सेवन शतप्रतिशत सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी तक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के साथ-साथ इनके सेवन के लिए जागरूकता भी प्रदान की जायेगी एवं लक्ष्य समूह के अनुसार पोषण सम्बन्धी जानकारी व परामर्श दी जायेगी। यह अभियान 06 जुलाई तक चलेगा, इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी है। इस मौके पर डीपीएम सरजू खान, जिला सलाहकार राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य के राकेश गुप्ता, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से गोविंद रावत यूपी टीएसयू से रामबरन यादव सहित जनपद के मीडिया बंधु मौजूद रहे।
इनमें से दो या अधिक लक्षण होने पर ले जाएं अस्पताल –बच्चा सुस्त या बेहोश हो आंखे धँसी हों कुछ भी पीने या स्तनपान करने में कठिनाई हो पेट की त्वचा चुटकी भरने पर बहुत धीरे वापस आती हो मल में खून आता हो बच्चा अतिकुपोषित हो
बच्चों को दस्त आने पर बरतें सावधानी-
दस्त के दौरान बच्चों को तरल पदार्थ अवश्य दें,पीने के लिए स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें, डायरिया को फैलने से रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करें,खाना बनाने से पहले व बच्चों का मल साफ करने के बाद साबुन से हाथ धोएं
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