
मुख्य अतिथि रहे: सांसद अक्षयवर लाल गौड़
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । छठ पूजा महोत्सव समिति रुपईडीहा के तत्वाधान में हनुमान सरोवर के घाट नगर पंचायत रूपईडीहा में भी 36 घंटे से चल रहे निर्जला व्रत लोकप्रिय आस्था का महापर्व छठ पर उगते हुए सूरज को जल और कच्चे दूध का अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन हुआ।
छठ पर्व के तीसरे दिन नगर पंचायत क्षेत्र में छठी मैय्या के गीतों की गूंज रही वहीं उपवास महिलाओ ने अपने सोलह सिंगार में मौसमी सब्जियां व फलों से भारी सुखी सर पर उठा कर गाजे-बाजे के साथ थिरकते बच्चे, बूढ़े ,जवान, हनुमान सरोवर घाट की ओर जाते देखे गये ।
जो की कार्यक्रम में एक बहुत ही अद्भुत नजारा दिखाई दे रहा था वहीं घाटों पर बच्चों द्वारा जबरदस्त छठी मैय्या के जयकारे की गुंज रही जहां घाटों को पूजा समिति द्वारा फूल मालाओं और गुब्बारों से बहुत ही सुन्दर और मनमोहक ढंग से सजाया गया था।
व्रत-उपवास महिलाओं द्वारा सायंकाल बड़ी ही आस्था से सूर्य देव को जल से अभिषेक किया गया, इस अवसर पर इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सांसद अक्षयवरलाल गौड़ ने अपने वक्तव्य में सूर्य उपासना का यह महान पर्व हमें प्रकृति से जुड़ता है शुद्धता स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।
वहीं पुजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पंचायत डॉ उमाशंकर वैश्य ने अपने संबोधन में कहा कि छठ मैय्या का पर्व हमें सुख, समृद्धि देती है,विशिष्ट अतिथि नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख जयप्रकाश सिंह ने अपने संबोधन में उन्होंने छठ व्रति महिलाओं को कहा कि मेरी कामना है कि भगवान भास्कर एवं छठी मैया सबकी मनोरथों को पूर्ण करें उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के समय महिलाओं और पुरुषों की अपार भीड़ रही पूजा समिति के अध्यक्ष सभासद नरेन्द्र कुमार मद्धेशिया ने पूजा सामग्री के साथ-साथ दूध का भी व्यापक इंतजाम किया था जहां रुपईडीहा प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में थाना प्रभारी शमशेर बहादुर सिंह अपनी टीम सहित उपस्थित रहे।
नगर पंचायत रुपईडीहा के सफाई कर्मचारियों ने घाटों की साफ सफाई बहुत ही कड़ी मेहनत से कर रखी थी इसकी प्रशंसा नगर वासियों द्वारा भी की गई पूजा समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रसाद वितरण में महिलाओं और पुरुषों की अलग अलग लाइन लगाकर व्यवस्था की गई इस अवसर पर पूजा समिति के पदाधिकारियों रिंकू अवस्थी सुशील बंसल,सुरेश कसौधन, अनिल अग्रवाल,कमल मद्धेशिया, राजू मद्धेशिया, आदि दर्जनों कार्यकर्ताओं ने छठ पर्व को सकुशल संपन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।


 
                                    