July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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हीरक जयंती के अवसर पर विश्विद्यालय हीरे के सामान ही चमकेगा : प्रो. पूनम टंडन

पुरातन सम्मेलन में 2 पुस्तकों का विमोचन

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर मनोविज्ञान विभाग में पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में विभाग के पूर्व छात्रों ने भाग लिया और अपने अनुभवों और यादों को साझा किया।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि विश्विद्यालय हीरक जयंती वर्ष में प्रवेश कर चूका है और इस दौरान पूरा विश्वविद्यालय हर्षोल्लास से सरोबर है। उन्होंने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान का इतिहास उनके पुरातन छात्रों से ही है। हीरक जयंती वर्ष के अनुष्ठान में पुरा-छात्रों की भागीदारी आवश्यक है। अपने उद्बोधन में उन्होंने यह भी कहा कि हीरक जयंती के अवसर पर विश्विद्यालय हीरक के सामान ही चमकेगा।
मुख्यातिथि प्रो. आदेश अग्रवाल ने पुरातन छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा की आज का यह सम्मेलन हमारे विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। जहाँ हम अपने पूर्व छात्रों के साथ जुड़ सकते हैं और उनके अनुभवों से सीख सकते हैं। विभाग के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने मनोविज्ञान विभाग के विस्तृत एवं वृहद् शोध क्षेत्रों के बारे में बताया।
मनोविज्ञान विभाग की पुरातन छात्र तथा विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दुबे ने कहा कि मैं अपने पूर्व छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देना चाहती हूँ। आपकी सफलता हमारे विभाग के लिए गर्व की बात है और सभी पुरातन छात्रों को संबोधित करते हुए यह कहा कि इस विभाग का अस्तित्व आप सभी से ही है ।
इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. धनंजय कुमार ने करते हुए कहा कि विभाग के पुरातन छात्र ही इस विभाग के नींव हैं ।
कार्यक्रम के दौरान मनोविज्ञान पुरातन छात्र संगठन का भी प्रस्ताव संविधान विमोचन के माध्यम से हुआ साथ ही मनोविज्ञान विभाग के पुरातन छात्रों द्वारा लिखित दो पुस्तकों का भी विमोचन हुआ , प्रो. आराधना शुक्ला, प्रो. अनुभूति दूबे, डॉ. गरिमा सिंह, डॉ निशा सिंह, डॉ. रूचि द्वारा लिखित मनोविज्ञान: संप्रत्यय, सिधान्त एवं अनुधातन धाराएं एवं प्रो. आराधना शुक्ला एवं प्रो. अनुभूति दूबे द्वरा रचित मेंटल हेल्थ इन स्कूल सेटिंग्स।
कार्यक्रम का सुंदर संचालन डॉ. गरिमा सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गिरिजेश कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर विभाग के पुरातन छात्र एवं शिक्षक प्रो. अनुपम नाथ त्रिपाठी, प्रो. प्रेम सागर तिवारी, प्रो. सुषमा पाण्डेय, प्रो. नाज़िश बानो, डॉ. राजेश त्रिपाठी, प्रो. सीमा त्रिपाठी, प्रो. अमृतांशु शुक्ला , डॉ. अमित त्रिपाठी ,डॉ. प्रियंका गौतम, डॉ. रश्मि रानी, डॉ. राम कीर्ति सिंह, डॉ. सत्य प्रकाश , डॉ. विस्मिता पालीवाल, डॉ. अलोक राय, डॉ. सुशिल तिवारी, श्रीराधे रमण त्रिपाठी, डॉ. नीरजा पाण्डेय, डॉ. तुलिका पाण्डेय, डॉ. निशा सिंह एवं अन्य ने विभाग से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में बहुत से पुरातन छात्रों ने ऑनलाइन प्रतिभागिता किया। जैसे कि प्रो. आराधना शुक्ला, प्रो. केएन त्रिपाठी, डॉ. शालिनी, डॉ. मनीष सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
सम्मेलन का समापन एक सामूहिक फोटो खींचने और पूर्व छात्रों को सम्मानित करने के साथ हुआ। इस सम्मेलन ने विभाग के पूर्व छात्रों को अपने पुराने साथियों से मिलने और अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर प्रदान किया।