July 6, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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महिला दिवस की पूर्व संध्या पर डीडीयूजीयू की दो महिला शिक्षकाओं को शोध निधि की सौगात

आईसीएसएसआर अनुसंधान अनुदान द्वारा डॉ. स्वर्णिमा सिंह और डॉ. आरती यादव को मिली अनुसंधान निधि

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली का प्रतिष्ठित अनुसंधान अनुदान डॉ. स्वर्णिमा सिंह और डॉ. आरती यादव को प्राप्त हुआ है। यह अनुदान सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान और अनुसंधान परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदान किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की सहायक आचार्य डॉ. स्वर्णिमा सिंह को “ जलवायु परिवर्तन के प्रति मानव-प्रेरित भूमि उपयोग/आवरण प्रतिक्रिया के स्पैटियो-टेम्पोरल अध्ययन में मशीन लर्निंग: गोरखपुर जिले का एक केस स्टडी लैंडसैट टाइम सीरीज का उपयोग करते हुए ” विषय पर शोध करने हेतु मुख्य अनुसंधान अनुदान और रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग की सहायक आचार्य डॉ. आरती यादव को “ राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा मजबूत भारत की नींव हैं: सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान ” विषय पर सेमिनार कराने हेतु अनुदान मिला है। उल्लेखनीय है कि आईसीएसएसआर से पूर्व डॉ. आरती यादव को आईसीडब्ल्यूए द्वारा भी जुलाई माह में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कराने हेतु अनुदान प्राप्त हुया है। जिसका जिसका शीर्षक था ” भारत की पड़ोस प्रथम नीति: चुनौतियां और विकल्प “।
इस उपलब्धि पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने डॉ.स्वर्णिमा सिंह और डॉ. आरती यादव को बधाई देते हुए कहा कि दोनों के शोध कार्य समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभति दूबे ने दोनों ही सहायक आचार्यों को बधाई देते हुए उनके प्रयासों की सराहना की।
अनुदान निधि से सम्मानित होने पर डॉ. स्वर्णिमा सिंह और डॉ. आरती यादव ने आईसीएसएसआर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमें आगामी शोध कार्यों के लिए प्रेरित करेगा और इस अनुदान अपने शोध परियोजनाओं को और अधिक प्रभावशाली ढंग से पूरा करने का अवसर मिलेगा।
महिला दिवस की पूर्व संध्या पर डीडीयूजीयू की शिक्षिकाओं की इस उपलब्धि पर डॉ. तुलिका सिंह, प्रो. उमेश त्रिपाठी , डॉ. मीतु सिंह, डॉ. मनीष पाण्डेय , डॉ. विस्मिता पालीवाल समेत दोनों विभागों सहित अन्य विभाग के सहयोगी और शुभचिंतक विभिन्न माध्यमों से अपनी शुभकामनएं प्रेषित कर रहे हैं।