मऊ (राष्ट्र की परम्परा)। कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर बुधवार की भोर से ही मऊ जनपद के दोहरीघाट सरयू तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों श्रद्धालुओं ने मां सरयू में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। ऐतिहासिक रामघाट, लक्ष्मण घाट और मातेश्वरी घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। लोगों ने स्नान के बाद मंदिरों में पूजन-अर्चन, दान-पुण्य और गोदान कर अपनी मनोकामनाएं मांगीं। महिलाओं ने पारंपरिक रूप से पूरी-हलवा बनाकर कढ़ाई और सेहरा चढ़ाया।
विलुप्त हो रहे लोकनृत्यों की झलक ने मोहा मन
आस्था के इस महापर्व पर पारंपरिक लोकनृत्य जैसे मृंदगा, मयूरी, कहरहुवा, गोडउ आदि की मनमोहक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। नर्तकियों ने पुरानी लोक परंपराओं को जीवंत कर दिया। आजमगढ़ के कलाकारों ने बताया कि वे वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा पर लोकनृत्य कर माता सरयू से क्षेत्र की खुशहाली की प्रार्थना करते हैं।
मेले में जमकर हुई खरीदारी
स्नान व पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने दोहरीघाट के ऐतिहासिक मेले में जमकर खरीदारी की। महिलाओं ने गृहस्थी के सामान व सौंदर्य प्रसाधन खरीदे, जबकि पुरुषों ने खेती-बाड़ी के औजार लिए। बच्चों ने झूलों और व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
रामघाट स्थित हनुमान मंदिर, जानकी घाट, मातेश्वरी घाट और गौरी शंकर घाट पर भक्तों की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन कर दान-पुण्य किया।
सुरक्षा व्यवस्था में प्रशासन रहा मुस्तैद
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए एसडीएम घोसी अशोक कुमार सिंह, सीओ जितेंद्र सिंह, ईओ मनोज कुमार यादव और चेयरमैन विनय जायसवाल पूरी टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे। थाना प्रभारी आर.के. सिंह ने मेला स्थल का लगातार निरीक्षण किया।
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