अयोध्या (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ इस बार बेहद भव्य रूप में मनाई जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने वर्षगांठ को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाने की तैयारी तेज कर दी है। 31 दिसंबर को आयोजित होने वाले इस विशेष उत्सव का मुख्य आकर्षण राम मंदिर परिसर में बने सात उप-मंदिरों के शिखरों पर ध्वजारोहण होगा।
मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण के बाद अब उप-मंदिरों की बारी
25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ऐतिहासिक ध्वजारोहण किया था। उस समय सात उप-मंदिरों पर भी ध्वजारोहण की योजना थी, लेकिन इन मंदिरों की फिनिशिंग कार्य पूरा न होने के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।
अब जानकारी के अनुसार भगवान शिव, सूर्य देव, गणपति, हनुमान, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर की फिनिशिंग और सजावट पूरी हो चुकी है। इसलिए प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर इन मंदिरों पर ध्वजारोहण किया जाएगा।
रक्षामंत्री और मुख्यमंत्री हो सकते हैं मुख्य अतिथि
ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो सकते हैं। 31 दिसंबर को दोनों नेता संयुक्त रूप से सातों उप-मंदिरों के शिखर पर ध्वजारोहण कर सकते हैं।
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27 दिसंबर से शुरू होंगे अनुष्ठान
राम मंदिर परिसर में 27 दिसंबर से विभिन्न अनुष्ठान शुरू होंगे। इनमें सातों उप-मंदिरों के ध्वजों का पूजन और अन्य धार्मिक विधियां शामिल होंगी। उप-मंदिरों के लिए तैयार किए गए ध्वज का डिज़ाइन भी पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है।
ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियाँ पूरी
ट्रस्ट की मानें तो इस बार का प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव बेहद भव्य होगा। मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया जाएगा और भक्तों के लिए विस्तृत व्यवस्था की जाएगी। 31 दिसंबर को ध्वजारोहण कार्यक्रम के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ को ऐतिहासिक रूप में मनाने की योजना है।
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